अमृतसर वासियों को अभी करना होगा इन मुश्किलों का सामना, 8 से 10 महीने...

punjabkesari.in Monday, Dec 22, 2025 - 01:15 PM (IST)

अमृतसर (नीरज): नवनियुक्त डी.सी. दलविन्दरजीत सिंह ने अपना पदभार संभालने के बाद रीगो ब्रिज के निर्माण को लेकर रेलवे सहित अन्य विभागों के साथ लगातार दो बैठकें की हैं, लेकिन फिर भी रीगो ब्रिज का निर्माण कार्य दिसम्बर 2025 में पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। इसके चलते महानगर की जनता को अभी और ट्रैफिक जाम झेलने पड़ेंगे। हालांकि किसी अधिकारी या नेता ने पुष्टि नहीं की है कि इस ब्रिज का निर्माण कब तक पूरा होगा, लेकिन जानकारों का मानना है कि अभी आठ से दस महीने इस ब्रिज के निर्माण में और लग सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार पुल के नीचे रेलवे लाइंस, हाई वोल्टेज वाली बिजली की तारें व अन्य तकनीकी कारणों के कारण निर्माण में देरी हुई है, क्योंकि इसके लिए अलग-अलग विभागों की एन.ओ.सी. लेनी पड़ती है।

अंग्रेजों के जमाने का ब्रिज यही से रेलवे लाइन भारत-पाकिस्तान मिलाती है

रीगो ब्रिज अंग्रेजों के जमाने का है व वाल्ड सिटी के बड़े इलाके को मेन रोड के साथ जोड़ता है, जो अटारी बार्डर की तरफ जाती है। अटारी बार्डर से लेकर रीगो ब्रिज तक के इलाके में सिर्फ दो पुल ही हैं जिसमें से एक खालसा कालेज के सामने वाला पुुल है और दूसरा रीगो ब्रिज है, जो बंद है, जबकि तीसरा भंडारी पुल है, जहां जब भी कोई धरना लगता है तो लोगों को घंटों तक ट्रैफिक जाम में फंसना पड़ता है। रीगो ब्रिंज के नीचे से अटारी रेलवे स्टेशन औरर पाकिस्तान की रेल ट्रैक भी आपस में लिंक करती है, जिसमें से कभी समझौता एक्स्प्रैस और इंटरनैशनल रेल कारगो की तरफ आने वाली पाकिस्तानी मालगाड़ी आती थी।

रेलवे ने किया दावा, अक्तूबर 2026 को तैयार होगा ऐताहासिक रिगो ब्रिज

अमृतसर (जशन) : शहर के महत्वपूर्ण इलाकों को जोड़ने वाला ऐतिहासिक रिगो ब्रिज अब अक्टूबर 2026 तक बनकर तैयार होगा। बता दें कि इस पुल के पुन-निमार्ण करने की समय सीमा वर्ष 2025 तय की गई थी, परंतु किसी कारणों के चलते इसमें देरी हुई है। ये दावा फिरोजपुर रेल मंडल द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में रेलवे ने किया है। इस महत्वपूर्ण रिगो ब्रिज का निर्माण वर्ष 1905 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था। रेलवे द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि पुनर्निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह ब्रिज शहरवासियों को समर्पित कर दिया जाएगा। यह पुल वर्ष 2023 में वाहनों के आवागमन को लेकर बंद कर दिया गया था और उस दौरान इसका पुन-निमार्ण कार्य शुरू हुआ था। अंग्रेजों द्वारा बनाया गया ये पुल इतना मजबूत था कि अपनी मियाद की तय समय सीमा के कई वर्षों उपरांत भी वाहनों के आवागमन के लिए सुचारू था।

वहीं वर्ष 2023 से कुछेक वर्ष पहले स्थानीय प्रशासन द्व‌ारा सही प्रकार से रख-रखाव ना होने के कारण इस पुल के नीचे बने पिल्लरों में कुछ जगहों दरारें आ गई थी। ये दरारें ईंटों से बने पिल्लरों के बीच ऊगे वृक्षों व अन्य जगंली बूटी के कारण आई थी। इसी कारण वर्ष 2023 से इसे पुन: निमार्ण करवाने के चलते इसको बंद कर दिया गया। इसके बंद होने से सारा लोड शहर के लाई लाईन कहलाए जाने वाले भंडारी पुल पर आ चुका है, जिसके चलते इसके आस-पास के इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है।

रेलवे का कहना है कि हाईटेंशन पावर केबलों वाली चालू रेलवे लाइनों के ऊपर से इस रिगो ब्रिज का निमार्ण कार्य करना बहुत जटिल कार्य है। इसी के चलते इस पुल को ढहाने से पहले बिजली विभाग (पी.एस.पी.सी.एल.) से जुड़ी 11 के.वी बिजली लाइनों को स्थानांतरित करना पड़ा। इसके अलावा पानी की सप्लाई पाइपलाइन, सिग्नल और टैलीकॉम केबल, टी.आर.डी. पोर्टल मस्त, सीवर लाइन व ऑप्टिकल फाइबर केबल जैसी कई रेलवे उपयोगिताओं को भी बदलना पड़ा था। इन्हीं कारणों के चलते इसके पुन:-निमार्ण कार्य में देरी होना माना जा रहा है।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि डायमंड कोर कटिंग की सहायता से हटाया जा रहा है। अंग्रेजों के समय के पुराने ढांचे की जगह अब एक नया और आधुनिक रिगो ब्रिज बनाया जा रहा है। रीगो ब्रिज का दोबारा शुरू होना अमृतसर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शहर के दो प्रमुख हिस्सों को जोड़ता है। रेलवे द्वारा बताई गई अब नई तय समय सीमा (अक्तूबर 2026) पर ये पुल का निमार्ण कार्य पूरा जाएगा, ये अभी समय के गर्भ में है।

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News Editor

Kalash

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