पंजाब में जमीनों की Registry को लेकर सरकार का एक और बड़ा फैसला

punjabkesari.in Thursday, Jul 31, 2025 - 03:04 PM (IST)

लुधियाना/चंडीगढ़: पंजाब की माल एवं राजस्व विभाग के अधीन तहसील दफ्तरों में ज़मीनों की खरीद-फरोख्त से संबंधित रजिस्ट्रियों के कार्यों में भ्रष्टाचार को पूरी तरह खत्म करने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए हैं कि इस समय पंजाब भर में तैनात रजिस्ट्री क्लर्कों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाए और उनकी जगह 7 साल से कम नौकरी का अनुभव रखने वाले क्लर्कों को रजिस्ट्रार या जॉइंट सब-रजिस्ट्रार की सहायता के लिए नियुक्त किया जाए। निर्देशों के अनुसार, रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी और सुचारु बनाने के लिए मोहाली (SAS नगर) में चल रहे ‘ईज़ी रजिस्ट्री पायलट प्रोजेक्ट’ को अब पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है। इस संबंध में माल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को एक पत्र भेजा है, जिसमें न केवल ईज़ी रजिस्ट्री प्रोजेक्ट की प्रक्रिया बताई गई है बल्कि रजिस्ट्री क्लर्क, रजिस्ट्रार और सब-रजिस्ट्रार के कार्यों में होने वाले बदलावों की पूरी जानकारी दी गई है।

जानकारी के अनुसार, ‘ईज़ी रजिस्ट्री’ के तहत अब रजिस्ट्रेशन से पहले रजिस्ट्रार या जॉइंट सब-रजिस्ट्रार को अपने लॉगिन से दस्तावेजों की जांच करनी होगी कि वे कानूनी रूप से सही हैं या नहीं और साथ ही यह भी देखना होगा कि स्टांप ड्यूटी और अन्य सरकारी फीस की गणना सही ढंग से हुई है या नहीं। जब सब कुछ सही पाया जाएगा, तभी रजिस्ट्रार या जॉइंट सब-रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अनुमति दी जाएगी। रजिस्ट्री के समय दोनों पक्षों की पहचान, उनकी योग्यता और सरकारी फीस व स्टांप ड्यूटी की अदायगी की पूरी जांच की जाएगी। इसके अलावा, रजिस्ट्रार और जॉइंट सब-रजिस्ट्रार की सहायता के लिए क्लर्क भी नियुक्त किए जाएंगे। इन क्लर्कों का कार्य होगा – सभी अदालती आदेशों को पोर्टल पर अपलोड करना, दस्तावेज़ों पर संबंधित पक्षों के हस्ताक्षर करवाना, रजिस्ट्री को स्कैन कर रजिस्टर में दर्ज करना और एक घंटे के भीतर रजिस्ट्री की प्रति संबंधित पक्ष को सौंपना।

कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के साथ-साथ यह भी तय किया गया है कि राज्य भर में तैनात सभी रजिस्ट्री क्लर्कों को बदला जाएगा ताकि भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश न रहे। साथ ही रजिस्ट्री से संबंधित सहायता प्रदान करने वाले क्लर्कों के ट्रेनिंग सिलेबस में भी बदलाव किया जा रहा है।अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि डिप्टी कमिश्नरों के साथ हुई बैठकों में सामने आया है कि जिला स्तर पर केवल 10–15% कर्मचारी ही रजिस्ट्री क्लर्क का टेस्ट पास कर पाए हैं, जिस कारण बार-बार उन्हीं कर्मचारियों को रजिस्ट्री क्लर्क की ड्यूटी पर लगाया जाता है और इससे भ्रष्टाचार की संभावना बनी रहती है।


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Vatika

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