पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन को लेकर BCCI को नोटिस, जानें क्यों और क्या है माजरा

punjabkesari.in Saturday, May 03, 2025 - 04:07 PM (IST)

जालंधर(अनिल पाहवा) : पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन से संबंधित एक मामले में अदालत ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बी.सी.सी.आई.) को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है, जिसमें जस्टिस आर.एम. लोढा की सिफारिशें पंजाब में लागू हैं या नहीं, इस बात को लेकर सवाल उठाया गया है। वरुण गौतम की तरफ से दायर याचिका में सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से यह नोटिस जारी किया गया है। याचिका में कहा गया था कि पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से जस्टिस लोढा की कई सिफारिशों को पंजाब में लागू नहीं किया गया है, जबकि देश भर में कई क्रिकेट से संबंधित संस्थान जस्टिस आर.एम. लोढा की सिफारिशें लागू कर चुके हैं। 

बी.सी.सी.आई.को 6 जुलाई तक एफेडेविट दाखिल करने के निर्देश
अदालत की तरफ से निर्देश जारी करके बी.सी.सी.आई.को इस संबंध में एक एफेडेविट दाखिल करने के लिए गया है, जिसमें यह पूछा गया है कि पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन पंजाब में जस्टिस लोढा की सिफारिशों को लागू कर रही है या नहीं, इस संबंध में जवाब देने को कहा है। साथ ही अदालत ने यह भी कहा है कि अगर इस सवाल का जवाब न में है तो बी.सी.सी.आई. की तरफ से इस संबंध में क्या कदम उठाए गए हैं, वह भी बताने को कहा गया है। अदालत ने बी.सी.सी.आई.को 6 जुलाई तक एफेडेविट दाखिल करने को कहा है। 

क्रिकेट में सट्टेबाजी, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाई गई है कमेटी 
गौरतलब है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जस्टिस आर.एम. लोढा के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसका उद्देश्य भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में सुधार के लिए सिफारिशें करना था। इस सिमिति को जहां क्रिकेट में सट्टेबाजी, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नियम बनाने के लिए कहा गया था, साथ ही प्रशासन में सुधारों की जांच और सिफारिशें करने के लिए नियुक्त किया गया था। लोढा समिति की तरफ से जो सिफारिशें दाखिल की गई थीं, उनमें बी.सी.सी.आई. तथा उनसे संबंधित क्रिकेट संगठनों के पदाधिकारियों के लिए आयु सीमा 70 वर्ष, कार्यकाल 9 वर्ष और कूलिंग आफ अवधि 3 वर्ष का सुझाव दिया गया था। यह सुझाव बी.सी.सी.आई. के साथ साथ राज्य संघों में भी लागू करने की सिफारिशें की गई थीं। इसके साथ ही बी.सी.सी.आई. के संविधान में सुधार के साथ-साथ पदाधिकारियों के चयन के लिए मानदंड निर्धारित करने के भी बात कही गई थी। इन सिफारिशों के आधार पर कई तरह के सुधार किए गए, जिसमें पदाधिकारियों के लिए आयु सीमा, कार्यकाल और कुलिंग आफ अवधि शामिल हैं।

एसोसिएशन के गठन में वोट के अधिकार को लेकर भी उठे सवाल
अदालत में दायर याचिका में राज्य स्तर पर क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में खिलाड़ियों को बोर्ड का अधिकार देने की बात भी कही गई है। जस्टिस लोढा की सिफारिश के अनुसार रणजी, राज्य स्तर के खिलाड़ी, यूनिवर्सिटी स्तर के अधिकारी या अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन में वोट का अधिकार देने की सिफारिश की गई थी, जबकि दायर याचिका में कहा गया है कि पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा कथित तौर पर इस संबंध में चुनाव प्रक्रिया के दौरान खिलाड़ियों को वोट का अधिकार नहीं दिया गया। 

पंजाब में लागू हैं जस्टिस लोढा समिति की सिफारिशेंः एसोसिएशन 
उधर पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव दिलशेर खन्ना का कहना है कि जस्टिस लोढा की सिफारिशों को पंजाब में लागू किया जा रहा है। जहां तक जिला स्तर पर इन सिफारिशों को लागू करने की बात है, तो इस संबंध में अदालत के जो भी  आदेश होंगे, उसके अनुसार कदम उठाया जाएगा


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Vatika

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