Comedian से पंजाब के CM तक, ऐसा रहा है भगवंत मान का सियासी सफर
punjabkesari.in Wednesday, Mar 16, 2022 - 05:47 PM (IST)
चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा चुनाव में बड़े-बड़े दिग्गजों को पछाड़ आम आदमी पार्टी (आप) को प्रचंड बहुमत दिलाने वाले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नयी सोच और नई विचारधारा के साथ शहीद भगत सिंह के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया है। मान का कॉमेडियन के रूप मनोरंजन जगत से मुख्यमंत्री पद तक का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा लेेकिन उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें हास्य व्यंग्यकार के रूप में स्थापित किया और उन्होंने मनोरंजन जगत मेंं अपनी बादशाहत के झंडे गाड़े।
17 अक्टूबर 1973 को पंजाब के संगरूर जिले के सतोज गांव में एक शिक्षक परिवार में जन्मे मान ने परिवार की इच्छा अनुरूप 12वीं कक्षा तक तो पढ़ाई की लेकिन उसके बाद उनका मन पढ़ाई से उचाट होने लगा और स्नातक की पढ़ाई बीच में छोड़ कॉमेडी की दुनिया में हाथ आजमाया और जल्द ही इस क्षेत्र के बेताज बादशाह बन गये । किस्मत उन्हें मनोरंजन की दुनिया सियासी जगत की ओर ले गयी। वर्ष 2012 में पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने अकाली दल छोड़कर अलग पंजाब पीपुल्स पार्टी बनाई जिसमें वह शामिल हो गये। वह लहरा सीट से कांग्रेस की पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल के खिलाफ चुनाव लड़े लेकिन चुनाव हार गए। सफलता उनका इंतजार कर रही थी और वर्ष 2014 में वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए और संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा जिसमें उन्होंने अकाली दिग्गज सुखदेव सिंह ढींडसा को पटखनी देकर रिकाडर् दो लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज कर लोकसभा की दहलीज पर पहुंचे।
उसके बाद लगातार दूसरी बार 2019 के लोकसभा चुनाव में वह आप के अकेले ऐसे सांसद थे, जो संसद पहुंचे। वर्ष 2022 आते-आते वह पंजाब की राजनीति में पैर जमा चुके थे और विधानसभा चुनाव में उन्हें आप का मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया गया। अब तक किसी को इतना अंदाजा नहीं था कि मान पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि भगवंत मान कॉमेडियन हैं, इसलिए उनमें मुख्यमंत्री बनने की क्षमता नहीं। अन्य दलों के नेता भी उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहे थे। बीस फरवरी को मतदान के दिन लोगों ने आप पार्टी के पक्ष में जो मतदान किया, उसे देखकर सब हैरान रह गये। पिछले विधानसभा चुनाव में 20 सीटें जीतने वाली आप अब 92 सीटें लेकर भारी बहुमत से लौटी। आप की आंधी में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, प्रकाश सिंह बादल, राजिंदर कौर भट्टल, मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, अकाली दल के मुख्यमंत्री चेहरा सुखबीर सिंह बादल से लेकर कांग्रेस के सभी मंत्री, विधायक सभी पराजति हो गये। कांर्ग्रेस के केवल 18 विधायक ही वापसी कर सके। अकाली दल सहित सभी दलों के अधिकतर उम्मीदवार गये। अकाली दल चार और भाजपा दो तथा बसपा एक सीट पर सिमट गयी। ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले आप के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान की ईमानदार छवि रंग लायी तथा लोग भी परंपरागत दलों के झूठे वादों से तंग आ चुके थे, इसलिये बदलाव चाहते थे और जनता ने आप के पक्ष में ऐसा जादू चलाया जिसने अनेक दिग्गजों को धराशायी कर दिया। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने केे बाद उन्होंने लोगों से उन पर भरोसा बनाये रखने,जल्दबाजी न करने और सरकार का साथ देने की अपील की और शहीदेआजम के सपनों को साकार करने में उनका सहयोग करने का हलफ़ लेने लेने को कहा।