अगर मैं होता तो कानूनों को वापस लेने में एक मिनट न लगाता: कै. अमरेंद्र सिंह

punjabkesari.in Wednesday, Dec 09, 2020 - 10:47 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): खेती कानूनों को किसान विरोधी और संबंधित पक्षों के साथ चर्चा किए बिना लाए जाने की बात दोहराते हुए मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने कहा कि भारत बंद द्वारा किसानों की एकजुटता ने खेती कानूनों को रद्द करने की अहमियत को दिखा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र देशभर में प्रदर्शन कर रहे और इन कानूनों को रद्द करके संबंधित पक्षों के साथ नए सिरे से बातचीत करने की किसानी मांगों की तरफ ध्यान क्यों नहीं दे रहा। उन्होंने कहा, ‘यदि मैं उनकी जगह होता तो मैं अपनी गलती मानने और कानूनों को वापस लेने में एक मिनट न लगाता।’

कै. अमरेंद्र सिंह ने कहा कि कोई कारण नजर नहीं आता कि केंद्र ठंड की मार झेल रहे किसानों की बात क्यों नहीं सुन सकता और उनकी चिंताओं के हल के बाद उनको खुशी-खुशी घर वापस भेजे। कै. अमरेंद्र सिंह ने किसानों को ऐसे तत्वों विरुद्ध सावधान किया जो आंदोलन का लाभ उठाने और राज्य के शांतमयी माहौल को खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। भारत बंद के दौरान अमन और शांति को यकीनी बनाने के लिए किसानों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने दो महीनों से अधिक लंबे समय से चल रहे रोष प्रदर्शनों दौरान इसी तरह अमन-सुरक्षा बरकरार रखा हुआ है। 

मुख्यमंत्री ने सचेत किया कि ऐसे आंदोलन या ऐसी स्थिति दौरान कुछ लोग जिनका प्रदर्शनकारियों के साथ कोई लेना-देना नहीं होता, संकुचित हितों के लिए मौके का फायदा उठाने की ताक में रहते हैं ताकि शांतमयी माहौल में रुकावट डाल सकें। फेसबुक लाइव संदेश में कै. अमरेंद्र ने खुशी जाहिर की कि पंजाब में बंद पूरी तरह शांतिपूर्वक रहा और शांतमयी ढंग के साथ विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए किसानों की प्रशंसा की। यहां तक कि जब किसानों ने पंजाब में रेलवे ट्रैकों पर नाकाबंदी की थी तो कोई हिंसा नहीं हुई।


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