पंजाब पुलिस अकैडमी में चल रहे Drug Racket को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

punjabkesari.in Thursday, May 12, 2022 - 02:24 PM (IST)

फिल्लौर(भाखड़ी):पंजाब पुलिस अकैडमी में चल रहे ड्रग रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद दो पुलिस मुलाजिमों को गिरफ्तार कर लिया गया था जिसके बाद मामले पर से परतें खुलती जा रही हैं। आज एक और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने डायरैक्टर पुलिस अकैडमी फिल्लौर और एस.एस.पी. जालंधर देहाती को अपनी रिपोर्ट भेजी है जिसमें बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक उक्त रैकेट में दो नहीं बल्कि इनके इलावा 6 और पुलिस मुलाजिम शामिल हैं जिनके विरूद्ध भी कड़ी कारवाई की सिफारिश की गई है। यह भी पता चला है वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में इन सभी आठों के नाम, रैंक और जिले से संबंधित खुलासा किया है।

एस.टी.एफ. को जांच सौंपने की उठी मांग
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में उच्च अधिकारीयों से आग्रह किया है कि पुलिस अकैडमी में चल रहे इस ड्रग रैकेट की जांच का जिम्मा एस.टी.एफ. को सौंपा जाए। इस मामले में नशीले पदार्थों को बेचने और खरीदने का काम किया गया है और उसमें रुपयों की भी रिकवरी होनी है। इस लिए इस केस की जांच का जिम्मा एस.टी.एफ. को सौंपा जाए। इससे बड़े तस्करों का पता लगा कर उन्हें सिलाखों के पीछे पहुंचाया जा सकेगा। अकैडमी में आखिर चिट्टा कौन भेज रहा था, इस बात का पता लगाना भी जरूरी है। 

डोप टैस्ट की तरफ बढ़ने लगी जांच 
जांच टीम के पास एक सिपाही ने खुलासा किया था  कि वह खुद नशे की लत का शिकार हो चुका है उस जैसे अकैडमी में 8 से 10 और मुलाजिम शामिल है जो इस दलदल में धंस चुके हैं। इस बात की पुष्टी करने के लिए कि कौन से मुलाजिम नशे का सेवन कर रहे है कौन नहीं इस लिए वहां तैनात सभी मुलाजिमों के डोप टैस्ट करवाएं जाएं उसके बाद ही पता चल पाएगा इस चिट्टे की चपेट में कितने मुलाजिम आ चुके हैं। 

आरोपियों का बचाव कर गई पुलिस ?
आज स्थानीय अदालत ने पकड़े गए दोनों आरोपीयों को जुडिशीयल रिमांड पर जेल भेज दिया। स्थानीय पुलिस अदालत में कोई ठोस तर्क नहीं रख पाई जबकि एन.डी.पी.एस. एक्ट के छोटे से छोटे मुक्दमे में भी पुलिस आरोपी को पूछताछ के लिए 1 से 2 दिन के रिमांड पर ले लेती है। ड्रग रैकेट केस में पकड़े गए दोनों आरोपी शक्ति और जय बहुत ही अहम थे जिन्हें उच्च अधिकारीयों की जांच में दोशी पाए जाने के बाद पकड़ा गया। पुलिस ने रिमांड पर लेकर कई बड़े खुलासे कर सकती थी। इस रैकेट में और कौन कौन से मगरमछ शामिल है उनके बाहर किन तस्करों से संबंध थे जहां से वह नशीला पाउडर खरीदते थे। दूसरा पुलिस ने शक्ति कुमार से उन रुपयों की वसूली भी करनी थी जो उसने नशा बेच कर दूसरे पुलिस मुलाजिमों से लिए थे। इन रुपयों का जिक्र भी बकायदा जांच रिपोर्ट में अधिकारीयों द्वारा किया गया है कि शक्ति ने पुलिस मुलाजिमों के बैंक से लोन करवा कर अपने खाते में पैसे ट्रांसफर करवाएं है। पुलिस विभाग को लगा कि आने वाले दिनों में पकड़े गए दोनों मुलाजिम उनके लिए बड़ी सिरदर्दी बन सकते है इसलिए उन्हें चुपचाप अदालत में पेश कर सीधा जेल छोड़ आए। उन दोनों के जेल जाने से वह सभी राज भी साथ चले गए जिनसे पुलिस ने पर्दा उठाना था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vatika

Recommended News

Related News