बड़ी लापरवाही: पिता की मौत के बाद बेटे ने सुनाई दिल दहला देने वाली दास्तान

punjabkesari.in Tuesday, Apr 27, 2021 - 03:12 PM (IST)

लुधियाना (राज): सिविल अस्पताल में मरीज की मौत के बाद देर रात हंगामा हो गया। मृतक के बेटे ने सिविल अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ पर आरोप लगाया है कि उनकी गलती से उसके पिता की मौत हुई है। जब उसने आवाज उठाने की कोशिश की तो डॉक्टरों ने पुलिस बुलाकर उसे बाहर निकलवा दिया और कहा कि सुबह आकर अपने पिता का शव ले जाना।

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लोहारा के सत्गुरु नगर निवासी राजवीर सिंह ने बताया कि उसके पिता लखवीर सिंह जो ड्राइवर थे, ने 8 अप्रैल हो कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी। 7 दिन बाद उन्हें बुखार हुआ जोकि 4-5 दिन में ठीक हो गया था। 2 दिनों से उसके पिता को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। रविवार रात परेशानी हुई, इसलिए सोमवार प्रात: करीब 6 बजे वह पिता को कैंसर अस्पताल ले गए जहां पर प्रबंधन ने बैड न होने की बात कहकर एडमिट नहीं किया। वे ई.एस.आई. अस्पताल गए जहां उसके पिता को एडमिट कर लिया गया और इलाज शुरू किया। कुछ समय बाद उसके पिता नॉर्मल हो गए मगर डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें सिविल अस्पताल से कोरोना टैस्ट करवाना पड़ेगा। वे पिता को सिविल अस्पताल ले आए जहां उन्हे एडमिट कर ऑक्सीजन भी लगाई गई। डॉक्टरों ने उनका कोरोना सैंपल लिया जोकि डॉक्टरों के मुताबिक इनवैलिड आया। फिर दोबारा सैंपल भेजा गया। इस बीच उसे अंदर नहीं बैठने दिया जा रहा था, इसलिए वह एस.एम.ओ. के पास गया जहां से उसे किट दी गई। वह किट पहनकर अपने पिता के पास बैठा रहा।

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उसके पिता को ड्रिप लगाया था जोकि सही नहीं लगा। उनके हाथ से लगातार खून बह रहा था। वह बार-बार डॉक्टर और स्टाफ को यह कह रहे थे, मगर वे एक-दूसरे पर काम छोड़ रहे थे। जिस बैड पर उसके पिता पड़े थे, उसकी चदर खून से भर गई थी। आधे घंटे बाद स्टाफ आया और ड्रिप लगाया। कुछ देर बाद वह बाहर आया। जब अंदर गया तो उसके पिता की तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टरों को बुलाने पर उन्होंने कहा कि अब उसके पिता की लास्ट स्टेज है। चंद ही मिनटों में उसके पिता की मौत हो गई। राजवीर का आरोप है कि उसके पिता के मरने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि उसके पिता कोरोना पॉजिटिव थे, इसलिए उनकी मौत हुई। राजवीर का आरोप है कि सिविल अस्पताल में मरीज की देखरेख नहीं की जाती। इसका सबूत उसके पिता की मौत है।

राजवीर का कहना है कि डेढ़ महीने पहले उसके भाई की संदिग्ध मौत हो गई थी। अब वह इस गम से उबर भी नहीं पाए थे कि अब उसके पिता की मौत हो गई है। अगर अस्पताल वाले सही से उसके पिता का इलाज करने और उनकी तरफ ध्यान देते तो उन्हे बचाया जा सकता था।

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Content Writer

Tania pathak

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