Ludhiana : महानगर में Water Supply को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

punjabkesari.in Sunday, Jul 21, 2024 - 11:31 AM (IST)

लुधियाना (हितेश): महानगर में 850 ट्यूबवेलों से क्लोरीनेशन के बिना पानी की सप्लाई हो रही है। यह खुलासा बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए साफ पानी की सप्लाई यकीनी बनाने के मुद्दे पर डी.सी. व नगर निगम कमिश्नर द्वारा बुलाई गई मीटिंगो के बाद हुआ है। क्योंकि उनके द्वारा नगर निगम अधिकारियों को रोजाना वाटर सप्लाई के सेंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं।

इस दौरान कई जगह पानी के सेंपल फेल होने की बात सामने आई है। इसे लेकर नगर निगम द्वारा सौ फीसदी साफ पानी की सप्लाई देने के दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसकी वजह महानगर में 850 ट्यूबवेलों से क्लोरीनेशन के बिना पानी की सप्लाई होने के रूप में सामने आई है। क्योंकि नगर निगम द्वारा जो 1200 ट्यूबवेल लगाए गए हैं, उनमें से छोटे ट्यूबवेलों पर क्लोरीनेशन की प्रावधान ही नहीं है। जहां तक बड़े ट्यूबवेलों का सवाल है, उनमें से सिर्फ 350 ट्यूबवेलों पर ही क्लोरीनेशन हो रही है। जबकि बाकी ट्यूबवेलों पर क्लोरीनेशन की व्यवस्था न होने की बात नगर निगम के ऑफिसर खुद मान रहे हैं।

चीफ सेक्रेटरी द्वारा मांगा गया है सर्टिफिकेट

पिछले दिनों पटियाला में डायरिया फैलने के बाद से साफ पानी की सप्लाई को लेकर सरकार काफी गम्भीर नजर आ रही है। इसके तहत मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश का हवाला देते हुए चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा द्वारा सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों के साथ मीटिंग की गई है। इस दौरान नगर निगम अधिकारियों को स्लम एरिया में विजिट करने के साथ ही गंदे पानी की सप्लाई की समस्या का समाधान तुरंत करने के लिए बोला गया है। इसके अलावा सभी नगर निगमों के एरिया में साफ पानी की सप्लाई होने को लेकर सर्टिफिकेट मांगा गया है।

10 फीसदी सैंपल हो रहे हैं फेल

नगर निगम द्वारा क्लोरीन के बिना पानी की सप्लाई करने का एक सबूत यह है कि डी.सी. के ऑर्डर पर रोजाना विभिन्न इलाकों में से जो वाटर सप्लाई के 100 सैंपल लिए जा रहे हैं, उनमें से 10 फीसदी सैंपल फेल हो रहे हैं जिसकी मुख्य वजह क्लोरीन के बिना पानी की सप्लाई को माना जाता है और इस पर पर्दा डालने के लिए आसपास के इलाकों में क्लोरीन की मात्रा मे इजाफा कर दिया जाता है। हालांकि नगर निगम के ऑफिसर इस तरह के मामले को पानी-सीवरेज के गलत तरीके से जोड़े गए कनेक्शनों में लीकेज होने से जोड़कर देख रहे हैं।

ट्यूबवेलों की लाइन की इंटर कनेक्टिविटी होने संबंधी नगर निगम अधिकारियों के दावे की निकली हवा

आमतौर पर क्लोरीन के बिना पानी की सप्लाई होने के मामले में नगर निगम अधिकारियों द्वारा ट्यूबवेलों की लाइन की इंटर कनेक्टिविटी होने का दावा किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बिजली की आपूर्ति बंद होने के दौरान जब ट्यूबवेलों पर वाटर सप्लाई न होने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा तो ट्यूबवेलों की लाइन की इंटर कनेक्टिविटी होने को लेकर नगर निगम अधिकारियों के दावे की हवा निकल गई। जहां तक ज्यादातर बड़े ट्यूबवेलों पर क्लोरीन न होने का सवाल है, उसके लिए नगर निगम अधिकारियों के पास बिना चैम्बर वाले ट्यूबवेलों पर क्लोरीन टैंक लगाने से किसी व्यक्ति द्वारा कुछ जहरीला पदार्थ मिलाने की शरारत करने के डर से डोजर न लगाने का बहाना भी है।

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News Editor

Kalash

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