इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट को बड़ा झटका, अलॉटियों को जारी हुए आदेश, पढ़ें पूरा मामला
punjabkesari.in Saturday, Sep 13, 2025 - 10:44 AM (IST)

जालंधर (चोपड़ा) : इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की आर्थिक मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रहे ट्रस्ट को अब जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक और बड़ा झटका दिया है। आयोग ने 13.9 एकड़ इंदिरापुरम मास्टर गुरबंता सिंह एन्क्लेव स्कीम से जुड़े चार मामलों में ट्रस्ट को लगभग 63.50 लाख रुपए अलॉटियों को चुकाने के आदेश दिए हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान अलॉटियों ने आरोप लगाया था कि ट्रस्ट ने स्कीम में उन्हें प्लॉट आवंटित करने के बावजूद समय पर कब्जा नहीं दिया और न ही स्कीम में वादे के मुताबिक आज तक उचित सुविधाएं उपलब्ध कराई है। आयोग ने सभी चार मामलों में अलॉटियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए ट्रस्ट को 45 दिनों के भीतर मूल राशि के साथ-साथ 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज, मुआवजा और कानूनी खर्च चुकाने का आदेश दिया है। यदि निर्धारित समय में भुगतान नहीं किया गया तो ट्रस्ट को 9 प्रतिशत ब्याज की बजाय 12 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा।
गौरतलब है कि इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के खिलाफ पहले भी कई अलॉटियों ने अदालतों और उपभोक्ता फोरम में धोखाधड़ी के मामले दर्ज कराए हैं। लगातार मिल रहे इन फैसलों ने ट्रस्ट की आर्थिक स्थिति को और डांवाडोल कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, ट्रस्ट पहले ही करीब 70 करोड़ों दी देनदारियों से जूझ रहा है और अब ताजा आदेशों से उस पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ आ गया है।
केस नंबर -1
सुनीता निवासी जालंधर को इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने एलआईजी फ्लैट नंबर 6 जीएफ 13 जून 2006 को अलॉट किया था। जिसके बदले में अलाटी ने ट्रस्ट को 432799 रुपए का भुगतान कर दिया था। परंतु ट्रस्ट के झूठे वायदों से परेशान अलाटी ने 18 अक्तूबर 2022 को उपभोक्ता आयोग में केस दायर किया। जिसका फैसला 5 अगस्त 2025 को ट्रस्ट के खिलाफ हुआ। आयोग ने ट्रस्ट को अलाटी द्वारा जमा कराई रकम उस पर रकम को जमा कराने के समय से बनता 9 प्रतिशत ब्याज के अलावा 30000 रुपए मुआवजा और 10000 रुपए कानूनी फीस अदा कराने के आदेश दिए है, जिसकी कुल रकम करीब 16 लाख रुपए बनती है।
केस नंबर -2
नकोदर निवासी बनवारी लाल को ट्रस्ट ने एलआईजी फ्लैट नंबर 265 एफएफ अलॉट किया था। जिसके बदले अलॉटी ने ट्रस्ट को 410950 रुपए का भुगतान किया था। अलाटी ने ट्रस्ट के खिलाफ 14 दिसंबर 2022 को उपभोक्ता आयोग में केस दायर किया। जिसका फैसला 1 अगस्त 2025 को अलॉटी के पक्ष में हुआ जिसमें आयोग ने ट्रस्ट को अलॉटी द्वारा जमा कराई रकम पर बनता 9 प्रतिशत ब्याज अदा करने के अलावा 30000 रुपए मुआवजा और 10000 रुपए कानूनी फीस अदा करने का आदेश दिया है। जिसकी कुल रकम करीब 16 लाख रुपए बनती है।
केस नंबर 3
ज्योति बेदी निवासी जालंधर को ट्रस्ट ने फ्लैट नंबर 89 जीएफ को अलॉट किया था जिसके एवज में अलॉटी ने ट्रस्ट को 409120 रुपए की रकम जमा करा दी थी। परंतु ट्रस्ट अधिकारियों के उदासीन रवैये और अपने साथ ठगी होते देख अलाटी ने 16 मई 2022 को ट्रस्ट के खिलाफ केस फाइल किया। इस केस का फैसला 6 अगस्त 2025 को अलाटी के पक्ष में आया जिसमें उपभोक्ता आयोग ने ट्रस्ट को अलॉटी द्वारा सबमिट करवाई रकम के अतिरिक्त उस पर बनता 9 प्रतिशत ब्याज के अलावा 30000 रुपए मुआवजा और 10000 रुपए कानूनी फीस भी लौटाने का आदेश जारी किया जिसकी कुल रकम करीब 16 लाख रुपए बनती है।
केस नंबर - 4
सुनील कुमार निवासी जालंधर को इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने फ्लैट संख्या 271 एसएफ को 13 जून 2006 को अलॉट किया था जिसके एवज में अलॉटी ने ट्रस्ट को बनता 370700 रुपए का भुगतान जमा करा दिया था। अलॉटी ने उपभोक्ता आयोग में ट्रस्ट के खिलाफ 4 अप्रैल 2022 को केस दायर किया जिसका फैसला ट्रस्ट के खिलाफ 6 अगस्त 2025 को हुआ। फैसले के मुताबिक ट्रस्ट को अलॉटी द्वारा जमा कराई रकम के अलावा उस पर 9 प्रतिशत ब्याज, 10000 रूपए कानूनी फीस, 30000 रुपए मुआवजा देने का फैसला किया है। जिस अनुरूप ट्रस्ट को अलॉटी को 15.50 लाख रुपए के करीब रकम लौटानी होगी।
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