चंडीगढ़ और दरियाओं के पानियों को लेकर बोले बिक्रम मजीठिया

punjabkesari.in Friday, Sep 02, 2022 - 02:17 PM (IST)

गुरदासपुर (जीत मठारू):  गांव बब्बेहाली में पूर्व संसदीय सचिव गुरबचन सिंह बब्बेहाली के नेतृत्व में आयोजित सांस्कृतिक मेले में पहुंचे पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पंजाब की मौजूदा सरकार के खिलाफ तीखा व्यंग्य कसा है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंदर सिंह शेखावत के पंजाब के पानियों और चंडीगढ़ के अधिकारों सबंधी दिए गए बयानों की कड़ी आलोचना की।

मजीठिया ने कहा कि चंडीगढ़ या इसके दरियाओं के पानियों पर अधिकार छोड़ने के लिए पंजाबी कभी समझौता नहीं कर सकते। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को ऐसे बयान देने से गुरेज करना चाहिए जिससे राज्य का माहौल खराब होता है। शेखावत के इस बयान के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। मजीठिया ने कहा कि पंजाब देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसे 1966 में पुनर्गठन के दौरान अपनी राजधानी नहीं मिली। पंजाबियों को आश्वासन दिया गया था कि उनकी राजधानी उन्हें दी जाएगी। राजीव लोंगोवाल समझौते में पंजाब को चंडीगढ़ भी दिया गया था और संसद के दोनों सदनों के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा विधानसभाओं ने भी इसके लिए मंजूरी दी थी लेकिन फिर भी उन्हें चंडीगढ़ नहीं दिया जा रहा है।

उन्होंने शेखावत को याद दिलाया कि खरड़ तहसील में गांवों की तबाही के बाद चंडीगढ़ बना था। खरड़ तहसील पंजाब का एक हिस्सा है और यह अभी भी राज्य का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि शेखावत बी.बी.एम.बी. हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान बराबर अधिकारों का दावा कैसे कर रहे हैं? शेखावत का यह तर्क हर लिहाज से गलत है, क्योंकि ब्यास नदी के पानी पर सिर्फ पंजाब और हिमाचल प्रदेश का ही अधिकार है और हरियाणा और राजस्थान तो रिपेरियन स्टेट ही नहीं हैं। इस अवसर पर पूर्व संसदीय सचिव गुरबचन सिंह बब्बेहाली, पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह छोटेपुर, पूर्व विधायक लखबीर सिंह लोधीनंगल सहित अन्य मौजूद रहे।

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News Editor

Urmila

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