कांग्रेस-भाजपा दोनों कृषि अध्यादेश व पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना असफलता के दोषी हैंः बसपा पंजाब

punjabkesari.in Thursday, Sep 24, 2020 - 06:50 PM (IST)

अमृतसरः बसपा के प्रदेश अध्यक्ष सरदार जसवीर सिंह गढ़ी ने आज अमृतसर की भूमि पर वर्कर व समर्थकों के विशाल रोष प्रदर्शन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों को कृषि बिलों व पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में कमियों के लिए दोषी ठहराया गया था। भाजपा कांग्रेस और अकाली दल भी कृषि बिल पारित करवाने और किसानों के आंदोलन के लिए समान रूप से दोषी हैं। अकाली दल ने पिछले कई महीनों से न केवल कैबिनेट की बैठकों में कृषि अध्यादेशों का समर्थन किया है, बल्कि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश बादल, अध्यक्ष सुखबीर बादल और हरसिमरत कौर ने भी समय-समय पर मीडिया में कृषि विधेयकों का समर्थन किया। जबकि बसपा ने इस बात की निंदा की है कि अकाली दल अभी भी एनडीए का हिस्सा है और किसानों को धोखा दे रहा है। 25 सितंबर को किसान बंद में अकाली दल द्वारा मंचित चक्का जाम एक हास्यास्पद कदम और सस्ती राजनीति का कदम है, क्योंकि किसानों ने पहले ही पंजाब बंद कर रखा है।

सरदार गढ़ी ने कहा कि इन खेती सुधारों का कांग्रेस और भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में उल्लेख किया गया है, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की कांग्रेस कृषि बिलों पर इन बैठकों में भाग लेती रही है और आज पंजाब में किसानों पर राजनीतिक खेल खेल रही है। भाजपा देश के दलितों, किसानों, कर्मचारियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों की नग्न शत्रु है, जिसे केवल बहुजन समाज पार्टी के सिद्धांत सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय द्वारा ही हराया जा सकता है।

पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत, केंद्र में भाजपा सरकार ने 2018 में राज्यों को दिए जा रहे फंड रोक दिए थे, ज कि यह योजना 1942 से चालू थी। हालांकि शिक्षा प्रदान करना एक केंद्र व राज्य का सांझा कार्य है। पंजाब कांग्रेस न केवल छात्रवृत्ति योजना को लागू करने में विफल रही है, बल्कि 303 करोड़ रुपए के वजीफा फंड को भी कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने घपला कर लूट लिया। लेकिन सबूतों के सामने भी कांग्रेसी मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अभी भी साधु सिंह धरमसोत को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। जहरीली शराब पीकर मरने वाले 136 पंजाबियों के दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए कांग्रेस ने कुछ नहीं किया।

ऐसी गंभीर स्थिति में पंजाब और पंजाबियत के लिए लड़ने वाली एकमात्र बसपा है जिसने पंजाबियों को संगठित करने के लिए समान रूप से संघर्ष और संगठन कार्यक्रम चलाए हुए हैं। आज यहां खुलासा करते हुए सरदार गढ़ी ने कहा कि इससे पहले 14 सितंबर को फगवाड़ा, 18 सितम्बर को होशियारपुर में बसपा ने भारी विरोध प्रदर्शन किया था।  अब 24 सितंबर को अमृतसर, 28 सितंबर को बठिंडा, 29 सितंबर को पटियाला, 3 अक्टूबर को संगरूर, 9 अक्टूबर को पायेल (लुधियाना) में बसपा सड़कों पर उतरेगी।  जब कि 30 सितंबर को शाहकोट विधानसभा में, 1अक्टूबर को विधान सभा टांडा दसुया मुकेरियां विधान सभा की मीटिंग संगठन को मजबूत करने के लिए होगी। इस मौके पर राज्य महासचिव डॉ. नछत्तर पाल, मनजीत सिंह अटवाल, सविंदर सिंह छाजलवाड़ी, रोहित खोखर, तरसेम भोला, सुरजीत सिंह अब्दल, जोगिंदरपाल भगत, धर्मपाल भगत, कुलविंदर सिंह सहोता, गुरबख्श माहे, बलवंत केहरा, मुकेश कुमार, सुखदेव सिंह भरोंवाल, बलकार सिंह कालरा, तारा चंद भगत, गुरप्रीत सिंह चब्बा, जगदीश कश्यप आदि उपस्थित थे।
 


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Mohit

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