Budget 2020: विशेष पैकेज चाहते हैं पंजाब के इंडस्ट्रलिस्ट, किसान चाहते हैं फसलों के सही दाम

punjabkesari.in Friday, Jan 31, 2020 - 11:45 AM (IST)

जालंधर। पंजाब में कांग्रेस की कैप्टन सरकार ने जब से सत्ता संभाली है उसे केंद्रीय बजट से निराशा ही हासिल हुई है। अब कैप्टन सरकार के मार्च में तीन साल पूरे होने वाले हैं और कंगाली के दौर से गुजर रहे पंजाब की नजरें एक बाद फिर से केंद्र के बजट पर टीकी हुई हैं। बजट सत्र आज शुक्रवार को शुरू हो गया है और कल सदन में बजट प्रस्तुत कर दिया जाएगा। पंजाब के किसानों की बात की जाए तो वे चाहते हैं कि किसानों को कर्ज और सब्सिडी देने के बजाए केंद्र सरकार को उनकी फसलों का स्वामीनाथन रिपोर्ट के हिसाब से उचित मुल्य दिया जाना चाहिए। सूबे के औद्योगिक क्षेत्रों की बात की जाए तो सरकार हिमाचल की तर्ज पर पंजाब के लिए एक पैकेज की मांग कर रही है, ताकि उद्योग यहां से पलायन न करें।

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क्या चाहते हैं उद्योगपति
पंजाब में करों के बोझ में दबे उद्योगपति केंद्र सरकार से राहत चाहते हैं। उद्योगों को विकसित करने के मामले में हिमाचल को केंद्र सरकार की ओर से विशेष राज्या का दर्जा मिला हुआ है। जबकि पंजाब के उद्योगों को भारी करों का सामना करना पड़ रहा है। नतीजन पंजाब के कई उद्योगपति पलायन कर हिमाचल की ओर रुख कर रहे हैं। साइकिल, होजिरी, लोहा इंडस्ट्री लंबे समय से करों में राहत की मांग करती रही है, लेकिन उनकी सुनवाई ही नहीं हो रही है। सूबे में नए उद्योगों को कैप्टन सरकार आमंत्रित तो कर रही है, लेकिन यह तभी संभव होगा जब केंद्र सरकार कोई राहत का प्रावधान करे।

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किसानों की समस्या
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कैप्टन सरकार ने किसानों कर्ज माफी के वादे को पूरा करने के लिए स्तर पर काम किया। जिसमें केंद्र ने उसे कोई मदद नहीं दी थी। इसके अलावा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी पंजाब केंद्र द्वारा लाई जा रही नई नीति को लेकर भी राज्य सरकार चिंतित है। पंजाब के कांग्रेस के सांसदों को भी ऐसा लगता है कि इससे किसनों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। पंजाब सरकार चाहती है कि एमएसपी को जारी रखने के साथ-साथ फसलों की लागत के अनुसार किसानों को सही दाम मिलने चाहिए। किसानों की बात करें तो वे भी एक ही बात कहते हैं कि उन्हें फसलों का सही मूल्य दिया जाए, उन्हें सब्सिडी और कर्ज चाहिए ही नहीं।

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रेलवे में क्या चाहिए 
सरहदी इलाकों में रेलवे विस्तार की मांग पंजाब लंबे समय से करता आ रहा है। इनमें पठानकोट-गुरदासपुर रेलवे लाइन को डबल करने, गुरदासपुर जिले के अंतर्गत आने वाले रेलवे स्टेशनों को अपग्रेड करने, फिरोजपुर से चंडीगढ़ ट्रेन को फाजिल्का से चलाने, फाजिल्का से हरिद्वार के लिए सीधी ट्रेन, जलालाबाद-मुक्तसर नई रेल लाइन, जालंधर व जालंधर कैंट स्टेशनों के आधुनिकीकरण, फरीदकोट में छह रेलवे ओवरब्रिज बनाने की मांग, राजपुरा-मोहाली रेल लाइन का बाकी 14 किमी. हिस्सा पूरा कर चंडीगढ़ को सीधे मालवा से जोड़ने की मांगों के अलावा मोगा-कोटकपूरा, नवांशहर-अमृतसर नई रेल लाइन की मांग अब तक लंबित है।


 


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Suraj Thakur

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