पंजाब में बेची जहरीली शराब तो अब नहीं मिलेगी जमानत

punjabkesari.in Monday, Mar 01, 2021 - 08:11 PM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब मंत्रिमंडल ने आज विधानसभा के चल रहे बजट सत्र के दौरान राज्य में अवैध और नकली शराब के खतरे से निपटने के लिए पंजाब एक्साइज अधिनियम, 1914 में धारा 61-ए और धारा 61 और धारा 63 में संशोधन कर विधेयक पेश करने की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की हुई  बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया।

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार, मंत्रिमंडल ने अमृतसर, गुरदासपुर और तरनतारन जिलों में हुई त्रासदी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इस तरह घटनाओंं में लिप्त व्यक्तियों को कठोर सजा देने के लिए आबकारी अधिनियम में एक व्यवस्थित बदलाव का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 के जुलाई महीने में जहरीली शराब पीने से कई बहुमूल्य जीवन खत्म हो गए थे। जहां मिलावटी या अवैध शराब के सेवन के कारण मौत या गंभीर चोट लगती है उस मामले में कानून को मजबूती और कड़ाई से लागू करने के लिए बदलाव लाना जरूरी समझा गया है। पंजाब आबकारी अधिनियम में पेश किए जाने वाले ऐसे प्रावधानों को रेखांकित करने का उद्देश्य कानून तोडऩे वालों के बीच कानून का डर पैदा करना और अपराधियों पर कड़ी सजा देना है।

विवरणों को विभाजित करते हुए, पंजाब आबकारी अधिनियम, 1914 में एक नई धारा सम्मिलित की गई है। इसके उप खंड (1) के अनुसार, जो कोई भी व्यक्ति शराब बेचने या बनाने में संलिप्त पाया जाता है या उससे किसी कोई नशे की दवा मिलती है, जिससे विकलांगता या मानव को चोट या मृत्यु की संभावना है, दंडनीय अपराध होगा। मृत्यु के मामले में, ऐसे दोषियों को मृत्यु या आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ जुर्माने का प्रावधान होगा। वहीं विकलांगता या चोट की शिकायत पर दोषी को बीस लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है और कम से कम छह वर्ष की कारावास की सजा होगी। यह सजा आजीवन कारावास तक बढ़ सकती है। 


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Vatika

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