पंजाब में सिद्धू को लेकर छिड़ा सियासी घमासान, कैप्टन के बाद इन मंत्रियों ने खोला मोर्चा

punjabkesari.in Friday, Apr 30, 2021 - 10:22 AM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब में पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। जहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सिद्धू के खिलाफ बड़े बयान दिए हैं, वहीं अब कैप्टन के मंत्रियों ने भी सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंत्रियों का कहना है कि सिद्धू सिर्फ़ मुख्यमंत्री की कुर्सी के भूखे हैं और जिस पार्टी ने उन्हें इतना सम्मान दिया है, उसी पार्टी के साथ सिद्धू विश्वासघात कर रहे हैं। 

सिद्धू को बेअदबी मामलों से नहीं कोई सरोकार: धर्मसोत
अकाली भाजपा सरकार मौके घटी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटनाओं से नवजोत सिंह सिद्धू का कोई सरोकार नहीं है, वह केवल मुख्यमंत्री की कुर्सी के भूखे हैं। इस कारण वह शुरू से ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा प्रदेश के हितों में किए जा रहे कार्यों की नुक्ताचीनी करते आ रहे हैं और खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। इन विचारों का प्रकटावा पंजाब के कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि नवजोत सिद्धू के मुकाबले कैप्टन अमरेंद्र का राजनीतिक कद पंजाब ही नहीं, बल्कि पूरे संसार में बहुत ऊंचा है, फिर पता नहीं क्यों सिद्धू उनकी कार्यप्रणाली की आलोचना कर रहे हैं। जबकि सिद्धू को कांग्रेस पार्टी में शामिल होते ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र द्वारा कैबिनेट मंत्री बनाकर बड़ा विभाग भी दिया गया था परन्तु उनको यह हजम नहीं हुआ। सिद्धू को जिस भी पार्टी ने सम्मान दिया है, उसके साथ ही उन्होंने विश्वासघात किया है, इसलिए सिद्धू को पार्टी की मर्यादा में ही रहना चाहिए और मुख्यमंत्री का सत्कार करना चाहिए।

सिद्धू को जिम्मेदार और अनुशासित नेता की तरह व्यवहार करना चाहिए  : अरोड़ा
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू का बार-बार लीडरशिप के खिलाफ बोलना उनका पार्टी के प्रति गैर-जिम्मेदार रवैया और अनुशासनहीनता को दर्शाता है।मंत्री ने सिद्धू को याद दिलाया कि कै. अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने पंजाब में शानदार जीत हासिल की थी और हाईकमान ने ही उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर चुना है। अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री के योग्य और दूरदर्शी नेतृत्व में पंजाब में कांग्रेस पहले से और अधिक मजबूत हुई है। सिद्धू का बार-बार मुख्यमंत्री के नेतृत्व पर सवाल उठाना सीधे तौर पर पार्टी लीडरशिप पर उंगली उठाने के समान है। मंत्री ने कहा कि सिद्धू को कोई समस्या है तो वह एक जिम्मेदार नेता के तौर पर पार्टी के सामने अपनी बात रखें परंतु बार-बार सोशल मीडिया और सार्वजनिक तौर पर मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलना पार्टी को कमजोर करता है। उन्होंने सिद्धू को अनुशासन में रहते हुए पार्टी नीतियों का सम्मान करने की सलाह दी है।


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Vatika

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