मामला विजिलेंस के 6 पुलिस अफसरों के खिलाफ दर्ज हुए झूठे मुकद्दमे का

punjabkesari.in Monday, Apr 11, 2022 - 10:16 AM (IST)

लुधियाना (धीमान): सरकारी अफसर किस तरह खुद को अदालत से ऊपर समझने में लगे हैं, इसका उदाहरण उस समय देखने को मिला जब रिटायर्ड विजिलेंस के एस.एस.पी. शिव कुमार शर्मा सहित 5 अन्य पुलिस अफसरों के खिलाफ अदालत में चालान पेश करने के लिए ‘आप’ सरकार के फाइनैंशियल कमिश्नर वी.के. जंजुआ ने गृह सचिव अनुराग वर्मा को पत्र लिखा है जबकि इस संबंध में मामला अदालत में पैंडिंग है और इसकी अगली सुनवाई जुलाई में होगी।

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असल में मामला फिरोजपुर से संबंधित है जहां चावल घोटाले में फिरोजपुर विजिलेंस के एस.पी. बनारसी दास द्वारा पटवारी मोहन सिंह भेड़पुरा को पकड़ा गया था, लेकिन जिसे बाद में गलत शिनाख्त होने के कारण छोड़ दिया गया था। 6 वर्ष बाद कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सरकार आई और 6 पुलिस अफसरों पर 184/12 नंबर से मुकद्दमा दर्ज किया गया। जांच में शिव कुमार शर्मा सहित कुल 5 पुलिस अफसरों को क्लीन चिट दे दी गई औैर बनारसी दास के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया गया। फिर 2018 में सरकार बदली और मामले को दोबारा खोल दिया गया।

इसी दौरान कै. अमरेंद्र सिंह की सरकार ने आई.जी. गुरिंद्र सिंह ढिल्लों के जरिए शिव कुमार शर्मा के घर छापेमारी करवाई, जहां से उन्हें कुछ नहीं मिला। लेकिन छापेमारी टीम उनके ब्रीफकेस और प्रापर्टी से संबंधित निजी दस्तावेज अपने साथ ले गई। इसी दौरान शिव कुमार शर्मा ने चंडीगढ़ में सी.बी.आई. को शिकायत दी कि इस मामले में क्लीन चिट दिलवाने के लिए आई.जी. गुरिंद्र ढिल्लों द्वारा संचालित किए गए कुछ लोग, जिसमें आयुष भल्ल, सबदेव जिंदल और अशोक गर्ग ने उनसे एक करोड़ रुपए की मांग रखी। इस पर सी.बी.आई. ने ट्रैप लगाकर अशोक गर्ग को 15 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में रंगे हाथों पकड़ लिया और आई.जी. के घर जब छापेमारी की गई तो वहां से शिव कुमार शर्मा के सारे निजी दस्तावेज उनकी अलमारी से बरामद हुए। सी.बी.आई. ने आरोपियों के खिलाफ एफ.आई.आर. नंबर 17/18 दर्ज की।

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यहां बता दें कि पटवारी मोहन सिंह भेड़पुरा ने रिटायर्ड एस.एस.पी. शिव कुमार शर्मा पर आरोप लगाया था कि उनसे सरकारी फीस 20 रुपए मांगने पर उन्होंने उसे चावल घोटाले के मामले में जानबूझ कर फंसाया है। यह मामला हाई-प्रोफाइल इसलिए हो गया, क्योंकि तत्कालीन एस.एस.पी. शिव कुमार शर्मा ने कैप्टन अमरेंद्र सिंह सहित उनके ग्रुप की कई बड़ी हस्तियों पर भ्रष्टाचार के आरोप में एफ.आई.आर. दर्ज की थी लेकिन पटवारी ने उनके खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में केस दायर किया। इस पर अदालत ने अपने फैसले में कहा कि उन्हें किसी भी तरह की शिकायत है तो वह स्थानीय अदालत में अपना केस दायर करे। 

मामले को फिर तूल देने के लिए पटवारी ने खेला नया पैंतरा 
सरकार की ओर से एक जांच कमेटी भी बनाई गई, जिसमें तत्कालीन एस.एस.पी. शिव कुमार शर्मा को क्लीन चिट मिली कि पटवारी पर चावल घोटाले के संबंध में विजिलेंस ने जो केस दायर किया था उसमें शिव कुमार शर्मा का कोई लेना-देना नहीं है। अब मामले को फिर से तूल देने के लिए पटवारी ने चालान पेश करवाने के लिए नया पैंतरा खेला है। लेकिन वह भूल गया कि इस मामले में फाइनेंशियल कमिश्नर का कोई रोल अदा नहीं हो सकता और मामला अदालत में पैंडिंग है। इस मामले में एक ही बात सामने आती है कि किस तरह पुलिस अपनी जान जोखिम में डाल कर सरकार से पंगा लेती है। उसके बावजूद सत्ता में आने के बाद उलटा शिव कुमार शर्मा जैसे अफसरों को जांच के नाम पर समय-समय पर परेशान किया जाता है। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या भगवंत मान की सरकार ऐसे झूठे केस करने वालों पर नकेल कसेगी?

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News Editor

Urmila

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