कोरोना Positive  का शव ऑटो पर श्मशानघाट ले आए परिवार वाले, पंडित ने वीडियो बना किया वायरल

punjabkesari.in Tuesday, Apr 27, 2021 - 11:01 AM (IST)

लुधियाना(राज): महानगर का सिविल अस्पताल लापरवाही में नंबर वन है। कुछ दिनों पहले कोरोना नैगेटिव महिला को पॉजिटिव बताकर उसका अंतिम संस्कार करवाने वाले सिविल अस्पताल प्रशासन की एक और लापरवाही सामने आई है। अब उसने कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के शव को एम्बुलैंस में भेजने की बजाय परिजनों को ही सौंप दिया। परिवार वाले भी किट में लिपटे शव को ऑटो में डालकर श्मशानघाट संस्कार के लिए ले गए।

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जब श्मशानघाट के पंडित ने ऑटो में कोरोना पॉजिटिव का शव देखा तो हैरान रह गया। फिर उसने प्रशासन की लापरवाही की एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल की दी, तब जाकर इस मामले का पता चला। दरअसल, फोकल प्वाइंट के जीवन नगर इलाके का भगवान शाह (67) अचानक बीमार हो गया था। 23 अप्रैल को उसे सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 25 अप्रैल शाम को भगवान शाह की मौत हो गई थी। उसका शव मोर्चरी में रखवा दिया था। 26 अप्रैल दोपहर को ढोलेवाल चौक के निकट स्थित श्मशानघाट में अंतिम संस्कार का समय रखा गया था। पीड़ित परिवार को श्मशानघाट तक शव ले जाने के लिए एम्बुलैंस नहीं मिल रही थी। सरकारी और एन.जी.ओ. की एम्बुलैंस पहले से किसी मरीज को लेकर गई हुई थी, जबकि प्राइवेट एम्बुलैंस वाले ज्यादा पैसे मांग रहे थे जोकि पीड़ित परिवार के पास नहीं थे। इसलिए परिवार एक ऑटो किराए पर ले आया। परिवार के बार-बार कहने पर मोर्चरी कर्मचारियों ने किट में शव पैक करके दे दिया।मामले बारे पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्हें इस बात का पता नहीं है कि कोरोना मृतक को ऐसे नहीं ले आते। उन्हें अस्पताल के कर्मचारियों ने जैसे शव दिया, वे लेकर श्मशानघाट आ गए।

किट पहने एम्बुलैंस कर्मी ही लेकर जाते हैं कोरोना मृतक का शव
अगर कोरोना मरीज की मौत हो जाए तो उसका शव सीधे परिवार को नहीं दिया जाता बल्कि अच्छे से किट पहने हुए कर्मचारी ही शव को उठाते हैं और एम्बुलैंस की मदद से श्मशानघाट तक पहुंचाते है। वहां भी किट पहने कर्मचारी ही दाह संस्कार करते है।

परिवार सहित अन्य लोग भी हो सकते हैं संक्रमित
बिना एम्बुलैंस के शव ले जाने से कई लोग संक्रमित हो सकते हैं। यह छोटी-सी लापरवाही कोरोना संक्रमितों की बड़ी चेन बना सकती है। सिविल अस्पताल से श्मशानघाट पहुंचने तक कई लोग शव के सम्पर्क में आए होंगे और परिवार वाले भी किट से पैक शव को हाथ लगाते रहे हैं। वे भी कई लोगों के सम्पर्क में आए होंगे।


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Vatika

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