प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के नाम पर आयकर विभाग को लग रहा चूना

punjabkesari.in Friday, Feb 17, 2023 - 09:57 AM (IST)

जालंधर: कैंट बोर्ड द्वारा करीब एक दशक पहले घरों व दुकानों की रजिस्ट्रियां करवाने पर पूर्ण तौर पर पाबंदी लगा दी गई थी और जमीन की खरीद-फरोख्त करने वाले लोग 500 रुपए के स्टांप पेपर पर ही एग्रीमैंट कर करोड़ों रुपए का लेनदेन कर रहे हैं। मुनाफे को लेकर प्रतिदिन करोड़ों रुपए की जमीन की खरीदारी हो रही है। कैंट एक्ट के मुताबिक जमीन की खरीदारी करने वाले भले ही लैंड के मालिक नहीं कहलाते और जमीन के ऊपर दुकान या घर का जो निर्माण किया जाता है लोग केवल मलबे के ही मालिक कहलाते हैं और मलबे की ही रजिस्ट्री की जाती थी।

सूत्रों की माने तो कैंट इलाके में जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर पिछले कई सालों से भू-माफिया बहुत सरगर्म हुआ है। वह बेखौफ 500 रुपए के स्टांप पर करोड़ों रुपए का लेनदेन कर अपनी ब्लैक मनी को जमीन की खरीद-फरोख्त में अर्जित कर रहे हैं। हाल ही में भू-माफिया द्वारा कैंट इलाके के अलग-अलग मोहल्लों में जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर करीब 50 करोड़ रुपए तक का 2 नंबर का व्यापार किया गया है। इसकी खरीदारी से जहां पंजाब सरकार के रेवेन्यू का भारी नुकसान हो रहा है वहीं आयकर विभाग को भी बड़ी मात्रा में चूना लगाया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि रजिस्ट्रियों पर लगाई गई पाबंदी के साथ-साथ कैंटोनमेंट बोर्ड ने बैंक लोन लेने के लिए भी पाबंदी लगाई हुई है। इलाके के कई बैंक अपना व्यापार चलाने के लिए लोगों द्वारा खरीदी गई इमारत की वैल्यू डालकर उनकी लाखों-करोड़ों की लिमिट बनाकर उन्हें लिमिट लोन दे रहे हैं। गौरतलब है कि अगर आयकर विभाग बैंकों में दबिश देकर लोगों की बनाई गई लिमिट की जांच करें तो ब्लैक मनी से खरीदी गई जमीन का पर्दाफाश होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।

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Content Writer

Sunita sarangal

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