अटारी बार्डर पर कस्टम विभाग ने पकड़ी 100 पीस प्रतिबंधित शहतूश शॉल

punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2020 - 09:50 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): तस्करों के इरादों को नाकाम करते हुए कस्टम विभाग की टीम ने आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर पाकिस्तान भेजी जा रही 100 पीस प्रतिबंधित शहतूश की शॉल को जब्त किया है। जानकारी के अनुसार इस प्रतिबंधित शॉल की खेप को दिल्ली के एक व्यापारी ने अपने कोरियर (पांडी) के जरिए आई.सी.पी. के लैंड रूट (बैगेज के जरिए) पाकिस्तान भेजने का प्रयास किया लेकिन कस्टम विभाग की पैनी नजर से बच नहीं सका। 

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार कस्टम विभाग ने जब्त की गई शॉल के सैंपल देहरादून स्थित लैबोरेटरी भेज दिए हैं ताकि इसकी स्पष्ट जानकारी मिल सके इस मामले में कस्टम विभाग ने शॉल ले जाने वाले कैरियर को भी गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जरूरी दस्तावेज लेकर जमानत भी दे दी क्योंकि कैरियर की तरफ से दावा किया जा रहा था कि जब्त की गई शॉल शहतूश  की नहीं बल्कि पशमीना शॉल है। यदि देहरादून लैबोरेटरी में शहतूश की शॉल साबित हो जाती है तो विभाग की तरफ से शॉल ले जाने वाले कोरियर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

क्या है शहतूश की शॉल व क्या है वन्य जीव प्राणी चीरू
शहतूश की शॉल भारत में वर्ष 1975 से प्रतिबंधित है क्योंकि इस शॉल को बनाने के लिए हिमालयन रेंज के अति दुर्लभ वन्य जीव प्राणी तिब्बतन ऐंटीलोब चीरू को मारना पड़ता है। जानकारों के अनुसार एक शॉल को बनाने के लिए चार से पांच चीरू मारने पड़ते हैं। वन्य जीव प्राणी चीरू तिब्बत के दुर्गम पठार इलाकों व लद्दाख में माइनस 40 डिग्री तापमान वाले इलाके में रहता है और बहुत कम दिखाई देता है। 

हालांकि इस मामले में वर्षों से शॉल का निर्माण करने वाले व्यापारियों का कहना है कि वह चीरू को मारते नहीं हैं बल्कि जिन्दा रखते हैं। मंगोलिया व चीन में चीरू की इस दुर्लभ प्रजाति को बढिया क्वालिटी की उन बनाने के लिए पाला जाता है फिलहाल भारत सरकार की तरफ से शहतूश की शॉल पर बैन है लेकिन फिर भी चोरी छिपे अवैध रुप से इसका निर्माण किया जा रहा है।


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swetha

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