पोर्नोग्राफी का नाबालिगों में तेजी से बढ़ रहा रुझान, साइबर क्राइम पुलिस ने दिए सख्त आदेश
punjabkesari.in Thursday, Oct 03, 2024 - 02:38 PM (IST)
तरनतारन : विभिन्न सोशल मीडिया और साइट्स पर चलने वाली अश्लील वीडियो और नाबालिगों की न्यूड वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करने को लेकर साइबर क्राइम द्वारा सख्त कार्रवाई करने संबंधी जहां जागरूकता अभियान शुरू कर दिया गया है। वहीं इस संबंध में कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जानी शुरू कर दी गई है। ऐसा ही एक मामला जिला तरनतारन में सामने आया है, जहां थाना साइबर क्राइम द्वारा एक नाबालिग लड़के के खिलाफ इसलिए पर्चा दर्ज कर लिया गया क्योंकि उसने मोबाइल में पोर्नोग्राफी के लिंक को आगे शेयर किया गया था। गौरतलब है कि साइबर क्राइम पुलिस द्वारा अब किसी भी नाबालिग का मोबाइल किसी भी समय चेक किया जा सकता है। इसके तहत पोर्न और अश्लील वीडियो मौजूद होने के दौरान उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने में देरी नहीं की जाएगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एडीजीपी साइबर क्राइम पंजाब वी. नीरजा द्वारा जारी किए गए सख्त आदेशों के तहत राज्य भर के साइबर क्राइम थानों की पुलिस द्वारा नाबालिगों की न्यूड वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करने वालों के अलावा नाबालिगों के मोबाइलों में अश्लील और पोर्न वीडियो पाए जाने के तहत सख्त कार्रवाई के आदेश जाकी कर दिए गए हैं। आज की युवा पीढ़ी के पास कम उम्र से ही मोबाइल फोन है, जिनके द्वारा पढ़ाई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इस मोबाइल फोन का धीरे-धीरे दुरुपयोग होने लगा है। युवा और नाबालिग लड़के-लड़कियों में बुरी संगति का शिकार होकर अश्लील वीडियो और फोटो के प्रति रुझान बढ़ने लगता है। इस बढ़ते चलन के कारण लड़के और लड़की की दोस्ती आगे चलकर दूसरे रिश्तों का रूप लेने लगती है, जिससे बच्चों के माता-पिता को भविष्य में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। छोटी उम्र में ऐसे अश्लील वीडियो और फोटो देखने के बाद बच्चों का मन पढ़ाई से हटने लगता है और उनके विचार सिर्फ एक तरफ ही केंद्रित रहते हैं।
समझदार माता-पिता हमेशा अपने बच्चों को दिए गए मोबाइल फोन का नियंत्रण अपने मोबाइल पर रखने की कोशिश करते हैं। इससे उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। भले ही भारत सरकार ने देश में पोर्न साइट्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन फिर भी कुछ तरीकों और सोशल मीडिया के जरिए शेयर किए जाने से युवा पीढ़ी तक पोर्न वीडियो आसानी से पहुंच रहा हैं।
पोर्न वीडियो भी एक तरह का नशा
मनोरोग विशेषज्ञ एवं मशहूर डॉक्टर मुकेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि आज के समाज में नाबालिग लड़के-लड़कियों का पोर्न वीडियो और पोर्नोग्राफी के लिंकों का रुझान रखना एक तरह का नशा बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में नाबालिगों को इसके बुरे प्रभावों और सेक्स संबंधी मन में पैदा होने वाले सवालों पर माता-पिता और स्कूल के प्रबंधकों को जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमारे देश में अब सरकार छोटे बच्चों को भी अच्छे और बुरे का फर्क समझाने लगी है। इसके साथ ही सरकार ने कुछ क्षेत्रों में सेक्स एजुकेशन देना भी शुरू कर दिया है। पॉर्न की लत लगने पर माता-पिता को बच्चों के बीच दोस्ताना माहौल बनाते हुए उन्हें जागरूक करने की पहल करनी चाहिए।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिले के एसएसपी गौरव तुरा ने बताया कि एडीजीपी साइबर क्राइम द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक नाबालिगों द्वारा पोर्नोग्राफी देखना और शेयर करना कानूनी अपराध है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिला निवासी एक नाबालिग लड़के के खिलाफ थाना साइबर क्राइम तरनतारन में धारा 67 बीआईटी एक्ट 15 पोक्सो एक्ट के तहत शिकायत दर्ज की गई है, जिसमें संबंधित नाबालिग लड़के द्वारा अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिंकों को वायरल करना साबित हुआ है। इसे उसके मोबाइल फोन में पुलिस ने बरामद भी कर लिया है।
यह मामला साइबर क्राइम के प्रमुख इंस्पेक्टर उपकार सिंह के बयानों पर दर्ज किया गया है, जिनके द्वारा आगे की जांच शुरू कर दी गई है। एसएसपी ने बताया कि नाबालिगों के मोबाइल फोन की जांच पुलिस कभी भी कर सकती है। अगर उनके मोबाइल में कोई अश्लील वीडियो या पोस्ट पाया गया तो उनके खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया जाएगा। यह बात माता-पिता के लिए विशेष रूप से अपने बच्चों को समझाना जरूरी है।
जानकारी देते हुए एडवोकेट नवजोत कौर चाबा ने बताया कि आईटी एक्ट की धारा 67 के मुताबिक अगर कोई सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो या अश्लील फोटो फैलाता है तो यह कानूनी अपराध है। उन्होंने कहा कि आज के माहौल के अनुसार माता-पिता को नाबालिग बच्चों के साथ मित्रतापूर्ण वातावरण बनाना चाहिए ताकि वे अच्छे मार्ग पर चलकर अपने माता-पिता का नाम रोशन कर सकें।
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