अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार द्वारा 6 जून को काला दिवस कहना गलत: दल खालसा

punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2019 - 10:45 PM (IST)

चंडीगढ़ (भुल्लर): ज्ञानी हरप्रीत सिंह जत्थेदार अकाल तख्त साहिब द्वारा 6 जून को काला दिवस बताए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए दल खालसा ने कहा कि असल में 6 जून 1984 का दिन संघर्षशील विचारधारा और संकल्प की पुन:सुरजीत का दिन था, जिसने सोई हुई कौम को जगा दिया और आजादी के रास्ते पर चलाया। जत्थेबंदी के अध्यक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जून 1984 में जब भारतीय सेनाओं ने हमलावर बन दरबार साहिब पर हमला किया तो सिख आजादी पसंद संघर्षशीलों ने अंतिम सांस तक लड़ते हुए अपनी शहादत दी। मीडिया को आज बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि हम 6 जून को खालिस्तान संघर्ष डे, शहीदी दिवस तो कह सकते हैं परंतु काला दिन नहीं।

उन्होंने कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने 6 जून को काला दिन बताकर शहीदों की समृति चिन्ह बनाने के पीछे कार्य करती सोच और भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने ज्ञानी हरप्रीत सिंह से सवाल करते हुए पूछा कि जब 6 जून को अकाल तख्त साहिब में समारोह के मौके और अरदास में यह दोहराया जाता है कि सिंहों-सूरमाओं ने जूझते हुए शहादत दी तो फिर यह दिन काला कैसे हुआ।


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Mohit

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