पंजाब में हिमाचल की वादियां दिखने के बाद,अब ब्यास और हरिकेपत्तन में अठखेलियां करती नजर आई  Dolphin

punjabkesari.in Wednesday, Apr 08, 2020 - 08:38 AM (IST)

तरनतारन: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन और पंजाब कर्फ्यू  लगाया गया। इससे यहां आम लोगों को परेशाना का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इसका वातावरण पर साकरात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहा है। प्रदूषण कम होने से जहां कुछ दिन पहले पंजाब में हिमचाल की वादियां 33 साल बाद फिर से  दिखाई देने लगी थी। वहीं अब दरिया व नदी-नालों का पानी भी साफ हो गया है। ब्यास और सतलुज का पानी काफी साफ नजर आने लगा है। ब्यास, सतलुज और रावी के संगम हरिकेपत्तन में साफ जल में डाल्फिन अठखेलियां करती नजर आ रही हैं। जल प्रदूषण स्तर में कितना सुधार हुआ इसका अभी पता नहीं चल पाया है। हालांकि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पी.पी.पी.सी.बी.) ने सोमवार से नदियों के पानी  की सैंपलिंग शुरू की गई है। रिपोर्ट 10 दिन बाद आएगी। इसके बाद ही पता चलेगा कि पानी की गुणवत्ता में कितना सुधार हुआ है।

फैक्टरियां बंद होने से साफ हुआ हरिके पत्तन का पानी
बता दें कि 86 वर्ग किलोमीटर में फैली हरिकेपत्तन बर्ड सेंक्चुअरी जिला तरनतारन, कपूरथला व फिरोजपुर के दायरे में आती है। कर्फ्यू में फैक्टरियां बंद होने से दरिया ब्यास व सतलुज के संगम स्थल हरिके पत्तन का पानी साफ हो गया है। इसी का नतीजा है कि यहां डाल्फिन नजर आने लगी हैं।  गांव करमूवाला के अलावा गगड़ेवाल, धूंदा, घड़का, हरिके पत्तन व चक्क देसल में लगातार तीन दिन से चार से छह डाल्फिन देखी जा रही हैं।

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2007 में पहली बार दिखाई दी थी डाल्फिन
 भारत पाकिस्तान बंटवारे के बाद दरिया ब्यास व सतलुज के संगम हरिकेपत्तन में  साल 2007 में पहली बार डॉल्फिन दिखाई दी थीं।   पानी के थोड़ा साफ होने के बाद ब्यास में सर्वे किया गया तो दो डॉल्फिन दिखाई दीं।  इससे पहले 2011-12 में वन्य जीव विशेषज्ञों ने भी यहां का दौरा किया था। इसके बाद डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ.ओ. द्वारा यहां का सर्वे करवाया गया, जिसमें पता चला कि यहां पर डाल्फिन खुद को प्रजनन के लिए सुरक्षित महसूस करती हैं। पी.पी.सी.बी. के चेयरमैन प्रो. सतविंदर सिंह मरवाहा ने बताया कि लंबे समय से पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से लाखों खर्च करके बुड्ढा नाला की सफाई का काम किया जा रहा था, लेकिन काफी प्रयास करने के बावजूद सार्थक नतीजे सामने नहीं आ रहे थे। अब कफ्यू के दौरान बुड्ढा नाला का पानी भी पहले के मुकाबले काफी साफ नजर आ रहा है। मरवाहा ने बताया कि  कर्फ्यू के कारण फैक्टरियां बंद होने से नदियों व नालों का पानी साफ नजर आ रहा है।

 
 


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