विधायकों के टूटने का डर: नतीजों के दिन चुनावी राज्यों में मौजूद रहेंगे कांग्रेस के आब्जर्वर

punjabkesari.in Wednesday, Mar 09, 2022 - 04:10 PM (IST)

लुधियाना(हितेश) : 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के लिए जारी किए गए एक्जिट पोल में कांग्रेस को कहीं भी बहुमत न मिलने की बात कही जा रही है। हालांकि इसकी तस्वीर वीरवार को नतीजों की घोषणा के बाद ही साफ हो पाएगी लेकिन उससे पहले कांग्रेस को अपने विधायकों के टूटने का डर सता रहा है , जिसके तहत उत्तर प्रदेश को छोड़कर बाकी सभी चुनावी राज्यों में मजबूत स्थिति वाले उम्मीदवारों को अपनी सरकार वाले राजस्थान व छत्तीसगढ़ भेजने की तैयारी की गई है। वहीं, इससे पहले नतीजों के दिन चुनावी राज्यों में मौजूद रहने के लिए कांग्रेस द्वारा आब्जर्वर  की नियुक्ति की गई है। जिन्हें बहुमत न मिलने पर विधायकों को टूटने से रोकने के अलावा सरकार बनाने के लिए जरूरी जोड़-तोड़ को लेकर फैसला लेने की जिम्मेदारी दी गई है। 

इसलिए की जा रही है कवायद 
इस क़वायद को पुराने अनुभव से जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि पहले गोवा व मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कॉंग्रेस सरकार बनाने से चूक गई थी। अब गोवा व मणिपुर के साथ उत्तराखंड में भाजपा के साथ कड़ी टक्कर होने की बात कही जा रही है जिसके मद्देनजर कंग्रेस कोई भी खतरा मोल नहीं लेना चाहती। 

पंजाब को लेकर यह बनाई गई है रणनीति 
जहां तक पंजाब का सवाल है एक को छोड़कर बाकी सभी एक्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने की बात कही गई है लेकिन बाकी कोई पार्टी इसे मानने के लिए तैयार नहीं है और राजनीतिक सलाहकार किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की चर्चा कर रहे हैं इस दोर पर सत्ता पर काबिज रहने के लिए किसी पार्टी को समर्थन देने या लेने के अलावा अपने विधायकों को टूटने से रोकना कॉंग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

इन नेताओं की लगाई गई है ड्यूटी
- पंजाब : अजय माकन, हरीश चौधरी, पवन खेड़ा
- गोवा : पी चिदंबरम, कर्नाटक कॉंग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार, महाराष्ट्र के मंत्री सुनील केदार 
- उत्तराखंड : छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, दीपेन्द्र हुड्डा, मोहन प्रकाश
- मणिपुर : जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, छत्तीसगढ़ के मंत्री टी एस सिंह देव, विन्सेंट पाला


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Vatika

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