दलितों की स्कॉलरशिप स्कीम के खात्मे ने बेनकाब किया मोदी सरकार का चेहरा: निमिशा मेहता

punjabkesari.in Tuesday, Jul 28, 2020 - 03:17 PM (IST)

गढ़शंकर: दलित विद्यार्थियों को कॉलेज यूनिवर्सिटी स्तरीय उच्च शिक्षा लेने से रोकना चाहती है केंद्र की मोदी सरकार और इसी कारण केंद्र की सरकार से ऐस्. सी. पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के लिए पैसा देने से न कर दी गई है। यह शब्द कांग्रेस नेता निमिशा मेहता ने गढ़शंकर शहर में ऐस. सी. नौजवानों के साथ मोदी सरकार ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते किया। निमिशा मेहता ने कहा कि कांग्रेस सरकार केंद्र ने सत्ता में होते दलित गरीब और मज़दूर परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा मुहैया करवाने के लिए और ज़िंदगी में आर्थिक मजबूरी के तौर पर कॉलेज शिक्षा से वंचित न रहने से बचाने के लिए ऐस. सी. पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम विशेष तौर पर शुरू की गई थी परन्तु केंद्र की मोदी सरकार ने वित्तीय साल 2017 -18 से लेकर अब तक दलित विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए इस स्कीम का कोई पैसा जारी नहीं किया गया है। जिसके अब तक 1549 करोड़ बनते हैं। 

कांग्रेसी नेता निमिशा मेहता ने कहा कि मोदी सरकार की दलित विरोधी मंशा इस बात से साफ़ हो जाती है कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम का 2016 -17 तक का पंजाब सरकार का बकाया 309 करोड़ वित्तीय साल 2020 के मार्च अप्रैल महीने में अदा किया गया है। निमिशा मेहता ने कहा कि भाजपा तो दलितों को पढ़ाई से वंचित रखना चाहती है और भाजपा की नीति मज़दूर के बच्चे को मज़दूरी में ही रखने की है। जो कि पोस्टमैट्रिक स्कालरशिप स्कीम को बंद करने से ज़ाहिर होती है।

निमिशा मेहता ने कहा कि अकाली दल दलितों के साथ यह अत्याचार करवाने में बराबर का आरोपी है क्योंकि अकाली दल से आज तक इस स्कीम को बंद करने का न तो विरोध ही किया गया है और न ही कोई टिप्पणी की गई है। इस स्कीम में केंद्र से पैसा न देने साथ दो लाख से और ज्यादा दलित विद्यार्थी जो हर साल इस का लाभ लेकर डिग्रियां करते हैं अब उच्च शिक्षा से घरों की आर्थिक मजबूरी के कारण वंचित रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार खिलाफ गढ़शंकर का यह प्रदर्शन सिर्फ़ एक शुरुआत है और वह इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश और हरसमिरत बादल को भी ज़रूर घेरेंगे। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक दलित बच्चों को पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम का केंद्र की मोदी सरकार से हक नहीं मिलता। 


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Edited By

Tania pathak

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