Punjab: तहसीलों में कामकाज ठप, फर्द केंद्रों के कर्मचारियों ने किया ये ऐलान

punjabkesari.in Wednesday, Jun 04, 2025 - 10:36 AM (IST)

जालंधर (चोपड़ा): जालंधर जिले के अंतर्गत आने वाले सभी 6 तहसीलों और 6 सब-तहसीलों में स्थित कुल 12 फर्द केंद्रों के 64 कर्मचारियों ने दो महीने का वेतन न मिलने से क्षुब्ध होकर मंगलवार को कलम छोड़ हड़ताल कर दी। यह हड़ताल सिर्फ जालंधर तक ही सीमित नहीं, बल्कि राज्यभर में करीब 900 फर्द केंद्र कर्मचारी एकजुट होकर विरोध में शामिल हुए। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने प्रशासनिक दबाव के बावजूद अपना काम ठप रखा और कार्यालय में मौजूद रहकर भी किसी भी प्रकार की विभागीय सेवा प्रदान नहीं की।

फर्द केंद्रों पर यह हड़ताल न केवल प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गई, बल्कि इससे आम जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि सेवा केंद्रों और कुछ निजी माध्यमों से फर्द सेवाएं जारी रहीं, जिससे रजिस्ट्री जैसे जरूरी कार्यों पर व्यापक असर नहीं पड़ा।

सब-रजिस्ट्रार बिल्डिंग स्थित फर्द केंद्र-1 और फर्द केंद्र-2 में मंगलवार को सुबह से ही हलचल रही। दोनों केंद्रों में मौजूद कर्मचारियों को तहसीलदार-2 प्रवीण कुमार सिंगला और तहसीलदार-1 जगसीर मित्तल ने व्यक्तिगत रूप से बुलाकर हड़ताल खत्म करने की अपील की, लेकिन कर्मचारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे राज्य स्तरीय फर्द कर्मचारी यूनियन के निर्णय के साथ खड़े हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे कार्य पर नहीं लौटेंगे।

जिस उपरांत दोपहर दो बजे डिस्ट्रिक्ट सिस्टम मैनेजर (डी.सी.एम.) रिंपल गुप्ता की ओर से एक अल्टीमेटम जारी किया गया कि सभी कर्मचारी 2 बजे तक काम पर लौटें, अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारियों के जवाब न देने पर दोबारा 3 बजे तक का अंतिम चेतावनी संदेश भेजा गया, जिसमें सभी को ब्लैकलिस्ट करने की धमकी भी दी गई। फिर भी कर्मचारी अपने निर्णय पर अडिग रहे और मांगे पूरी न होने तक हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया।

सी.एम.एस. कम्प्यूटर लि. का अनुबंध विवाद की जड़ में

बता दें कि ये सभी कर्मचारी सी.एम.एस. कम्प्यूटर लि. के अंतर्गत कार्यरत हैं, जो पंजाब सरकार के साथ मिलकर राज्यभर में भूमि रिकॉर्ड को ऑनलाइन उपलब्ध कराने की परियोजना चला रही है। यह परियोजना 2007 में शुरू हुई थी और इसके माध्यम से राज्य के सबसे दूरदराज गांवों तक भी ऑनलाइन फर्द सेवाएं पहुंचाई गई हैं। लेकिन हाल ही में इन कर्मचारियों को न केवल अप्रैल और मई 2025 का वेतन नहीं मिला, बल्कि उन्हें यह भी सूचना मिली है कि सी.एम.एस. कम्प्यूटर लि. का सरकार के साथ अनुबंध 31 अक्टूबर 2025 को समाप्त हो रहा है। सरकार ने अभी तक कोई स्पष्ट नीति नहीं बताई है कि अनुबंध समाप्त होने के बाद उनका भविष्य क्या होगा?

कर्मचारी बोले-हमने महामारी और आपातकाल में भी सेवा दी, अब सरकार साथ छोड़ेगी?

फर्द केंद्रों के जिला मैनेजर गौरव वर्मा, तिलक राज, मुकेश कुमार, शिवानी, सुमन, संगीता, परमजीत सहित अन्य कर्मचारियों ने कहा कि वे पिछले 17 वर्षों से बेहद कम वेतन पर सेवा दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब कोविड जैसी वैश्विक महामारी फैली, तब भी वरिष्ठ अधिकारी घर से कार्य कर रहे थे, लेकिन फर्द केंद्रों के कर्मचारी फील्ड में रहकर अपनी जान जोखिम में डाल सेवाएं दे रहे थे।

चुनावी ड्यूटी, पीएम किसान योजना, डीड स्कैनिंग और जमाबंदी के समय अतिरिक्त कार्यभार को भी उन्होंने बिना किसी अतिरिक्त सुविधा के निपटाया। अब जब उनकी उम्र 50 के करीब पहुंच चुकी है और अन्य किसी क्षेत्र में उनके पास कोई अनुभव नहीं है, तो इस स्थिति में उन्हें हटाना अमानवीय कदम होगा। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपील करते हुए कहा कि उन्हें इस संकट से बाहर निकालने के लिए कोई ठोस नीति बनाई जाए।

जिला के 35 सेवा केंद्रों में निर्विघ्न मिली फर्द

भले ही फर्द केंद्रों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे, फर्द केंद्रों में फर्द और डाटा एंट्री का काम पूरी तरह से बंद रहा। लेकिन सेवा केंद्रों पर फर्द की सेवाएं उपलब्ध रहीं। जिले के 35 सेवा केंद्रों में लोग ऑनलाइन आवेदन कर अपनी फर्द कॉपी प्राप्त करते रहे। वहीं रजिस्ट्री, बैंक लोन या अन्य दस्तावेजी कार्य करने वाले अर्जीनवीसों ने भी ऑनलाइन माध्यम से फर्द प्राप्त कर कार्यों को निर्बाध रूप से जारी रखा। जिससे रियल एस्टेट और बैंकिंग से जुड़े कार्य रुकने से बच गए।

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News Editor

Urmila

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