एक्साइज विभाग ने ‘माइंड गेम’ में उलझाए ‘शराब ठेकेदार’, टैंडर भरने में देरी की तो ...

punjabkesari.in Monday, Mar 20, 2023 - 11:41 AM (IST)

 जालंधर: नई एक्साइज पॉलिसी में 12 प्रतिशत वृद्धि करके ग्रुप रिन्यू करवाने की लाई गई योजना के अन्तर्गत पंजाब के 48 ग्रुप रिन्यू नहीं हो पाए। कई ठेकेदारों ने 12 प्रतिशत बढ़ौतरी के साथ ग्रुपों के लिए आवेदन करने से इंकार कर दिया ताकि विभाग दामों में कटौती करे और वह करोड़ों रुपए बचा सकें। इसके विपरीत विभाग ने माइंड गेम खेलकर ठेकेदारों को उलझा दिया है। एक्साइज विभाग के अधिकारियों ने गेम खेलते हुए रिजर्व प्राइज में मात्र 2.50 प्रतिशत की कटौती करके ई-टैंडर दोबारा आमंत्रित कर दिए हैं। इसके चलते ठेकेदारों की उम्मीदें टूटी है क्योंकि ठेकेदार 5 से 10 प्रतिशत तक रिजर्व प्राइज कम होने का इंतजार कर रहे थे।

पंजाब में कुल 171 ग्रुप हैं जिनमें से 121 ग्रुप अलॉट कर दिए गए हैं। इनमें फिरोजपुर के 42 में से 26, पटियाला के 63 में से 47 व जालंधर जोन के अंतर्गत आते 66 में से 49 ग्रुप शामिल हैं। शेष बचे ग्रुपों की बात की जाए तो अनुमान के मुताबिक एक ग्रुप की कीमत 35 से 40 करोड़ के करीब बनती है। ठेकेदार चाहते थे कि 2 बार 5-5 प्रतिशत कम होने से वह एक झटके में 3-4 करोड़ रुपए बचा लें क्योंकि पिछली बार ई-टैंडर के समय विभाग ने 10 प्रतिशत से अधिक की कटौती करके ग्रुप बेचे थे।

इस बार विभाग द्वारा दाम कम करने की शुरूआत 2.50 प्रतिशत के साथ की गई है, इसके चलते ठेकेदार माइंड गेम में उलझ गए हैं। ई-टैंडर के जरिए कोई भी नीलामी में हिस्सा ले सकता है, जिसके चलते ठेकेदार यदि ग्रुप के लिए आवेदन नहीं करते तो महत्वपूर्ण ग्रुप हाथ से निकल जाएंगे। जालंधर के ग्रुपों में माडल टाऊन, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन जैसे ग्रुपों पर ठेकेदारों द्वारा फोकस किया गया है। यह ऐसे ग्रुप है जिनके ठेकों पर शराब की अधिक होने वाली बिक्री से ठेकेदारों को लाभ होता रहा है।

पिछली बार ज्योति चौक, रेलवे स्टेशन जैसे ग्रुप महंगे दामों में खरीदने वाले ठेकेदार इस बार दाम कम होने का इंतजार कर रहे हैं। यदि विभाग 10 प्रतिशत कमी करेगा तो मौजूदा ठेकेदार तुरंत प्रभाव से उक्त ग्रुप खरीद लेगा। विभाग माइंड गेम खेलकर राजस्व जुटाने के प्रति ध्यान दे रहा है। हालात ऐसे है कि कीमतें कम होने का इंतजार करते है तो ग्रुप से हाथ धोना पड़ेगा और यदि 2.50 प्रतिशत कटौती पर टैंडर भर देते है तो 4-5 करोड़ रुपए बचाने की उम्मीदों पर पानी पड़ जाएगा। इस स्थिति में ठेकेदारों आपस में विचार-विर्मश करके योजना तैयार कर रहे हैं, ताकि कोई और रास्ता निकाल सकें। नए टैंडर के जरिए ठेकेदारों की योजना बनने तक शराब सस्ती होने के आसार नजर नहीं आ रहे, इसके चलते सस्ती शराब के चाहवानों को अभी इंतजार करना पड़ेगा। ठेकों पर रूटीन की तरह सेल हो रही है और ठेकेदार अभी पत्ते नहीं खोल रहे।

235 करोड़ के रह गए शेष बचे 6 ग्रुप

जालंधर के अंतर्गत कुल 20 ग्रुपों आते हैं इनमें 6 ग्रुपों के लिए ई-टैंडर शुरू हो गया है। रिजर्व प्राइज के मुताबिक 43.26 करोड़ की कीमत वाला ज्योति चौक, 42.53 करोड़ का रेलवे स्टेशन, 41.65 करोड़ वैल्यू का लम्मा पिंड, 36.15 करोड़ का बस स्टैंड, 35.98 करोड़ का मॉडल टाऊन, 36.12 की कीमत वाला गोराया शामिल है। इन ग्रुपों की कीमत 235 करोड़ बनती है। रिजर्व प्राइज में 2.50 प्रतिशत कम करके विभाग ने 6 करोड़ की राहत दी है, जिसके चलते इन ग्रुपों का दाम अब 229 करोड़ के करीब रह गया है।

ठेकेदार अपोन कोटे के कारण बदल सकते है शहर

1-2 ग्रुपों के जरिए काम करने वाले ठेकेदार बिजनैस के लिए नए शहर का चयन करने से हमेशा गरेज करते रहे हैं क्योंकि अवैध शराब की बिक्री और कोटा से शराब खरीदने के नियम उन पर भारी पड़ते रहे हैं। नई पॉलिसी में विभाग ने शराब की खरीद पर कोटा सिस्टम नहीं रखा है, इसके चलते ठेकेदार अपनी डिमांड के हिसाब से शराब खरीद सकेंगे। यह सुविधा ठेकेदारों के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है। पिछली सरकारों के समय खरीदी गई शराब का स्टॉक क्लीयर करना ठेकेदारों के लिए परेशानी का सबब बनता रहा है, जिसके चलते वह इस बिजनेस से दूरी बनाते रहे हैं।

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News Editor

Urmila

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