खालिस्तान मुद्दे पर आखिर क्या बोले मनिंदरजीत सिंह बिट्टा
punjabkesari.in Wednesday, Mar 02, 2022 - 11:34 AM (IST)

जालंधर (अनिल पाहवा): आल इंडिया एंटी टैरेरिस्ट फ्रंट के प्रमुख मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा है कि पंजाब में न तो कभी खालिस्तान बना है और न ही कभी बनेगा। जो लोग पंजाब को खालिस्तान बनाने का सपना देख रहे हैं, उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा। आज यहां विशेष बातचीत के दौरान बिट्टा ने एक कार्यक्रम के दौरान 'गीता को भुलाना है, खालिस्तान बनाना है' के नारों पर तीखी टिप्पणी की। बिट्टा ने कहा कि पंजाब का हिंदू कभी भी खुद को सिख धर्म से अलग नहीं समझता। सिख धर्म में कभी भी अगर बेअदबी हुई है तो हिंदुओं को भी उतना ही दर्द हुआ है, जितना सिखों को। फिर इस तरह के नारे लगाकर कुछ लोग सिर्फ और सिर्फ राज्य का माहौल खराब करना चाहते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
युक्रेन में भी तिरंगा
रूस की तरफ से युक्रेन पर किए गए हमले के दौरान कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। इस मसले पर बोलते हुए बिट्टा ने कहा कि यह बड़े फख्र की बात है कि युक्रेन में भी जिन बसों पर तिरंगे लगे हैं, उन पर न तो गोलीबारी हो रही है और न ही बम गिराए जा रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ एक वीडियो जो वायरल हो रही है, उसमें पाकिस्तान की एक लड़की साफ कह रही है कि भारतीय छात्रों को आगे जाने दिया जा है लेकिन उसे नहीं जाने दिया जा रहा। युक्रेन में फंसे छात्रों को लाने के लिए भारत का पूरा अमला जुट गया है। इस मामले में किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
विदेशों में भारत की मुखालफत
कुछ संगठनों द्वारा विदेशों में बैठकर भारत के खिलाफ टिप्पणी किए जाने पर मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एक वे लोग हैं, जो युक्रेन में भूखे-प्यासे लोगों के लिए लंगर का प्रबंध कर रहे हैं और वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो कभी भारत की तारीफ कर ही नहीं सकते। ऐसे लोगों से देश को कोई फर्क नहीं पड़ता, बल्कि देश और मजबूत होता है। भारत के लोगों को विदेशों में बैठे ऐसे लोगों की परवाह नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिख धर्म की स्थापना मानवता की रक्षा के लिए की गई थी और सिख गुरुओं ने पूरे भारत की रक्षा के लिए शहादतें दी हैं।
पन्नू पर खड़े किए सवाल
मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने सिख फार जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू पर तीखे सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि न तो उसने पगड़ी बांधी है और न ही सिख भाईचारे की पहचान के तौर पर दाढ़ी रखी है, जबकि बातें वह सिख धर्म की करता है। बिट्टा ने कहा कि पन्नू चीन जैसे देश की तारीफें कर रहा है और भारत का विरोध कर रहा है। यह सिर्फ उसकी छोटी सोच का नतीजा है। उन्होंने कहा कि ननकाना साहिब का अपमान का मामला हो, महाराणा रणजीत सिंह की प्रतिमा का अपमान हो, श्रीनगर में प्रिंसीपल की शहादत हो या कंधार में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला हो, इन किसी भी मुद्दों पर तो पन्नू कभी बोलता नहीं और बातें वह खालिस्तान बनाने की करता है। परमजीत सिंह पंजवड़ पर निशाना साधते हुए बिट्टा ने कहा कि वह पाकिस्तान के टुकड़ों पर पल रहा है और दूसरे देशों में जहां सिख धर्म की बेअदबी होती है, उन मुद्दों पर खामोश रहता है।
माहौल खराब करने की साजिश
पंजाब के माहौल पर बोलते हुए बिट्टा ने कहा कि पंजाब के लोग अमन-शांति पसंद लोग हैं, लेकिन कुछ लोग यहां का माहौल खराब करना चाहते हैं। गीता ग्रंथ पर टिप्पणी और खालिस्तान बनाने के नारे ऐसे लोगों की ही चालें हैं, जो माहौल खराब करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 36000 बेगुनाह लोग पंजाब में मारे गए, लेकिन उनकी कोई बात नहीं करता। पंजाब में सिर्फ और सिर्फ वोट की राजनीति हो रही है, लेकिन आम जनता के बारे में कोई नहीं सोचता। इस वोट की राजनीति ने ही राज्य की हालत पतली कर दी है।
पी.एम. सुरक्षा मामला
फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान उनकी सुरक्षा में लापरवाही के मुद्दे पर बिट्टा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा सबसे ऊपर है। प्रधानमंत्री कोई भी हो, यह एक प्रोटोकाल है। उन्होंने कहा कि जब स्व. राजीव गांधी शहीद हुए तो उसके बाद दंगों का दर्द आज तक कोई नहीं भूला है। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कोई हादसा हो जाता और उसके बाद दंगे होते तो शायद स्थिति बेहद खराब होती।
दरबार साहिब बेअदबी मामला
दरबार साहिब में बेअदबी के मामले पर बिट्टा ने कहा कि यह एक ऐसी घटना थी, जिसे सबने अपने सामने देखा। सिरफिरे काफिर ने गुरु साहिब की बेअदबी की, लेकिन दुख की बात है कि 10 दिन के अंदर ही हम सब इसको भूल गए। खालिस्तान की बातें करने वाले भी अपने गुरु की बेअदबी पर खामोश रहे। अगर सही में इस घटनाक्रम के बाद दिलों में दर्द था, तो सिख समाज को राज्य में चुनावों का बहिष्कार करना चाहिए था तथा विरोध जताते कि जब तक बेअदबी के लिए साजिश रचने वाले असली जिम्मेदार लोग पकड़े नहीं जाते, तब तक सिख समाज वोट नहीं करेगा। कमेटियों के गठन से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता, न तो इस मुद्दे को किसी ने उठाया और न ही राजनीतिक दलों ने इस मसले पर बात की।
जाखड़ के दर्द पर सवाल
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ के हिंदू सी.एम. की बात पर बिट्टा ने कहा कि जाखड़ का हिंदू-सिख कार्ड खेलना ही गलत है। उन्होंने कहा कि वह जाखड़ की इस टिप्पणी से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि सी.एम. हिंदू बने या सिख। बस राज्य में विकास होना चाहिए और शांति का माहौल बना रहना चाहिए।
किसान आंदोलनकारियों पर सवाल
मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने किसान आंदोलन को तो जायज कहा तथा कहा कि आंदोलन होते रहते हैं, लेकिन आंदोलन की आड़ में कुछ आंदोलनकारियों द्वारा तिरंगे का अपमान किए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि अगर तिरंगे का अपमान हुआ तो उसके लिए आंदोलन का आयोजन करने वाले ही हैं। देश के खिलाफ भी जो नारे आंदोलन में सुनने को मिले, उसके लिए भी यही लोग जिम्मेदार हैं। राजेवाल तथा चढ़ूनी पर बरसते हुए बिट्टा ने कहा कि आंदोलनकारी कब से पॉलिटिशियन बन गए। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के साथ-साथ आम किसान वर्ग के साथ भी राजेवाल और चढ़ूनी ने धोखा किया है।
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