फर्जी फर्में बना ऐसे करता था GST की चोरी, DGGI गाजियाबाद ने किया पर्दाफाश

punjabkesari.in Friday, Jan 28, 2022 - 11:11 PM (IST)

जैतो (रघुनंदन पाराशर) : वित्त मंत्रालय ने कहा कि माल एवं माल एवं सेवा टैक्स इंटैलीजैंस (डीजीजीआई) गाजियाबाद क्षेत्रीय इकाई ने एक ऐसे सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है जो फर्जी फर्म बनाकर फर्जी बिल जारी करता था। इस जालसाजी में सिंडिकेट बिना कोई सामान या सेवा भेजे जी.एस.टी. रिफंड को अपने खाते में डलवाता था। सही गोपनीय जानकारी मिलने के बाद 2 जगहों पर तलाशी ली गई और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज/वस्तुएं मिलीं जो 200 से ज्यादा फर्जी फर्म थीं, जैसे मोबाइल फोन, डिजिटल सिग्नेचर, डेबिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, लोगों की फोटो, किरायेदारी समझौता, लैपटॉप, पेन ड्राइव, सील, ऑफिस की चाबियां, सिम कार्ड, चेक-बुक और कुछ कच्चे दस्तावेज।

गहन जांच से पता चला कि इस जालसाजी में क्लाउड सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था। इन सभी को जमा कर दिया गया। आंकड़ों और सबूतों की जांच करने पर पता चला कि इस घोटाले में 275 फर्जी फर्में शामिल थीं, जो सिर्फ कागजों पर ही मौजूद थीं। ये फर्जी कंपनियां फर्जी बिल जारी करती थीं। फर्जी बिलों में कुल 3189 करोड़ रुपए की वसूली की गई है जिसके जरिए 362 करोड़ रुपए के जी.एस.टी. की चोरी की गई। फर्जी फर्में बनाने की नीयत से लोगों के पहचान पत्र म करवाने का काम करने वाले टिंकू यादव, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। टिंकू यादव द्वारा प्रदान की गई जानकारी और कई आईपी पतों की जांच में असली मास्टरमाइंड, विपन कुमार उर्फ ​​निक्कू और योगेश मित्तल का पता चला। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पता चला है कि विपन कुमार गुप्ता और योगेश मित्तल आदतन अपराधी हैं। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों दोषियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुके हैं।

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News Editor

Kamini

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