डेंगू और चिकनगुनिया के बाद अब गुरु नगरी अमृतसर के वासियों के लिए एक और बड़ा खतरा

punjabkesari.in Monday, Aug 21, 2023 - 03:33 PM (IST)

अमृतसर : डेंगू व चिकनगुनिया के मच्छर के डंक से स्वास्थ्य विभाग का सरकारी तंत्र भी बीमार हो गया है। जिले में उक्त बीमारियों के अलावा वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या प्रतिदिन तेजी से जहां बढ़ रही है वहीं लाखों रुपए की लागत से जिले के पांच सैटेलाइट अस्पतालों में खरीदी गई अति आधुनिक सी.बी.सी. टैस्ट करने वाली मशीन काम न करने के कारण धूल फांक रही हैं। हालत यह है कि उक्त स्थलों में मशीनरी तथा टैक्नीशियन होने के बावजूद वहां पर टैस्ट नहीं हो रहे, जबकि जिला स्तरीय सिविल अस्पताल में सी.बी.सी. टैस्ट करवाने वाले मरीजों का वर्क लोड बढ़ गया है। सरकारी तंत्र की लापरवाही देखी लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी यह मशीनरी मरीजों के किसी भी काम नहीं आ रही।

जानकारी के अनुसार जिले में लगातार डेंगू तथा चिकनगुनिया के साथ वायरल बुखार के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन इन बीमारियों की रोकथाम का दावा करता है। यहां तक कि सिविल सर्जन कार्यालय के जिला मलेरिया अधिकारी भी इन बीमारियों को लेकर गंभीरता दिखाते रहते हैं, परंतु अफसोस की बात है कि अधिकारियों की गंभीरता व उनकी मुस्तैदी के बावजूद यह बीमारियां तेजी से फैल रही है तथा लोगों को अपनी जकड़ में ले रही हैं।

सूत्र बताते हैं कि पिछले सरकार के समय डेंगू व चिकनगुनिया के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा रणजीत एवेन्यू, मुस्तफाबाद, सकत्तरी बाग, घन्नूपुर काले व फताहपुर स्थित सैटेलाइट अस्पतालों में सी.बी.सी. मशीनें भेजी थीं। इन मशीनों पर सी.बी.सी. के सभी टैस्ट उपलब्धि लाखों रुपए की लागत से सरकार द्वारा अति आधुनिक तकनीकों से लैस यह मशीनरी खरीदी गई थी, परंतु अफसोस की बात है कि आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद आज तक उपयोग नहीं किया गया। सैटेलाइट अस्पतालों पर शहर की आधी से ज्यादा आबादी निर्भर करती है। वर्तमान में जब डेंगू का प्रकोप बढ़ा तो वायरल बुखार से पीड़ित मरीज इन अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। डाक्टर उनकी जांच करने के बाद सी.बी.सी. टैस्ट लिख रहे हैं, पर अस्पताल में यह टैस्ट नहीं किया जा रहा। रणजीत एवेन्यू स्थित णैटेलाइट अस्पताल में तो चार चार टैक्नीनिशयन हैं, पर ये भी मरीजों के सी.बी.सी. नहीं कर रहे। ऐसी स्थिति में मरीजों को सिविल अस्पताल आकर सी.बी.सी. करवाना पड़ रहा है या फिर निजी लैबोरेटरी में 300 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।

अमृतसर में डेंगू के 171 अतिरिक्त चिकनगुनिया के 106 मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं, यह भी सरकारी आंकड़ा ही है। वास्तविकता यह है कि संदिग्ध बुखार से पीड़ित सैकड़ों लोग निजी अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। वहीं सैकड़ों ही मरीज निजी मैडीकल स्टोर्स से दवाएं खरीदकर खा रहे हैं।

डेंगू मच्छर जहां मानवीय जीवन पर खतरा बनकर मंडरा रहा है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को भी उजागर कर रहा है। सी.बी.सी. जैसा साधारण टैस्ट ही अस्पतालों में नहीं हो रहा। इस टैस्ट के जरिए मरीज के रक्त की पूर्ण गणना की जाती है। इसमें रक्त की मात्रा, रक्त कोशिकाओं की संख्या प्लेट्लेट्स काउंट आदि की जांच होती है। प्लेट्लेट्स कम होने की रिपोर्ट मिलने पर रोगी का डेंगू एलाइजा टैस्ट करवाया जाता है, जिसमें पुष्टि होती है कि वह डेंगू की चपेट में तो नहीं।

अधिकारियों से लिया जाएगा स्पष्टीकरण : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. विजय का कहना है कि सैटेलाइट अस्पतालों में सी.बी.सी. मशीनें बंद क्या हैं, इसका स्पष्टीकरण ले रहे हैं। जल्द ही ये मशीनें मरीजों के लिए शुरू की जाएंगी।

डेंगू, चिकनगुनिया व वायरल बुखार के दहशत के बावजूद रविवार को नहीं हुए टैस्ट

ऑल इंडिया एंटी करप्शन मोर्चा के अध्यक्ष महंत रमेशानंद सरस्वती ने कहा कि जिले में डेंगू चिकनगुनिया तथा वायरल बुखार के कारण लोग भारी दहशत में है। हर तरफ बीमारी को लेकर हाहाकार मची हुई है। तकरीबन हर घर में उक्त बीमारी का एक न एक मरीज पीड़ित है। अफसोस की बात है कि स्वास्थ्य विभाग का सतर्कता दिखाने की दावे कर रहा है पर यह दावे सिर्फ हवा में है। रविवार को डेंगू चिकनगुनिया के अलावा उक्त बीमारी का कोई भी टैस्ट आज नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग से आज जब इस बीमारी के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई तो उन्होंने कहा कि रविवार है, इसलिए टैस्ट नहीं हुए हैं। शनिवार वाली रिपोर्ट ही मुख्य है, क्या अब सवाल खड़ा होता है कि रविवार को बीमारी फैलने वाला भयंकर मच्छर भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की तरह छुट्टी पर चला जाता है।

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News Editor

Kalash

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