जालंधर नगर निगम में बड़ा घोटाला, हो रहा था ये गोलमाल

punjabkesari.in Friday, Apr 07, 2023 - 08:18 AM (IST)

जालंधर  (खुराना): आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद भी जालंधर निगम में भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ है बल्कि जालंधर निगम में अब एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है ।

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पता चला है कि शहर के  कई डंप स्थानों से प्राइवेट गाड़ियों के माध्यम से कूड़ा उठाने के मामले में बड़ा घोटाला किया जा रहा है। आरोप है कि एक प्राइवेट ठेकेदार ने निगम को अपनी गाड़ियों के बिल देकर कूड़ा उठाने की एवज में लाखों रुपए की पेमेंट ले ली है पर उस ठेकेदार ने निगम अधिकारियों को जो बिल थमाए हैं ,  उनमें जिन  गाड़ियों के नंबरों के माध्यम से कूड़े की लिफ्टिंग  बताई गई  है , वह नंबर स्कूटर और दोपहिया वाहनों के हैं ।

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‘ पंजाब केसरी ‘ के हाथ एक ऐसा ही बिल  लगा है जिसमें ठेकेदार ने 3 गाड़ियों पी.बी 65-4030 , पी.बी 08-0657 और  पी.बी 08-1884 के माध्यम से 10 टिप्परों के चार्ज बनाए हैं । हर वाहन का  10 से लेकर 12  टन तक कूड़ा उठाने संबंधी बिल बनाया गया है । इस प्रकार यह एक बिल ही एक लाख किलो से ज्यादा कूड़े को उठाने से संबंधित है । "पंजाब केसरी" ने  जब परिवहन विभाग से इन वाहनों के नंबरों की जांच की तो पता चला कि यह तीनों ही नंबर  स्कूटर और दोपहिया वाहनों पर लगे हुए हैं । अब सवाल यह उठता है कि एक स्कूटर या दोपहिया वाहन पर 10-10 टन  कूड़ा कैसे उठाया जा सकता है । या तो बिल  में कोई गलती है या कोई फर्जीवाड़ा जानबूझकर किया गया लगता है । फिलहाल निगम कमिश्नर अभिजीत कपलिश  ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं ।

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छावनी विधानसभा क्षेत्र का कूड़ा उठाने में हो रहा था गोलमाल
टिप्परों  पर नहीं लगे हुए थे नंबर

गौरतलब है कि जालंधर छावनी विधानसभा क्षेत्र के कई डम्प स्थानों से कूड़ा उठाने का काम निगम ने प्राइवेट ठेकेदारों के हवाले कर  रखा है । यहां  एक ठेकेदार  की गाड़ियां मॉडल टाउन डम्प ,  ज्योति नगर डम्प ,  रेडियो स्टेशन डम्प  और फोल्डीवाल  इत्यादि से कूड़ा उठाकर वरियाणा  डंप तक पहुंचाती हैं  और रास्ते में कूड़े को तुलवाकर प्रति किलो के हिसाब से निगम से पेमेंट वसूल की जाती है । माना जा रहा है कि जिस प्रकार एक बिल में स्कूटरों  के नंबर लगाकर फर्जीवाड़े की बात सामने आई है , अगर पिछले महीनों की भी जांच की जाए तो काफी कुछ सामने आ सकता है जिसे लेकर निगम अधिकारी भी घबराए हुए हैं परंतु फिलहाल उन्होंने ठेकेदार की सारी पेमेंट रोक ली है ताकि पिछले हिसाब भी बराबर किए जा सकें । 

ऊषा  और मठारू धर्मकंडे से तुल चुके हैं वाहन
ठेकेदार ने निगम अधिकारियों को जो बिल  पेश किया है उसमें हर वाहन को बस्ती बावा खेल स्थित उषा धर्मकंडे या मठारू  धर्मकंडे  से तुला हुआ बताया गया है  ।गौरतलब है कि यह दोनों ही धर्मकंडे कंप्यूटरीकृत हैं । इन दोनों धर्मकंडों  के पास उपलब्ध पर्ची में इन सभी वाहनों का पूरा रिकॉर्ड और नंबर इत्यादि  दर्ज हैं  इसलिए धर्म कंडों  के रिकॉर्ड की जांच भी की जा सकती है ।

असिस्टेंट कमिश्नर खोखर को सौंपा गया जांच का काम 
निगम कमिश्नर अभिजीत कपलिश  ने सैनिटेशन शाखा में हो रहे इस घपले को लेकर असिस्टेंट कमिश्नर राजेश खोखर  की देखरेख में एक जांच कमेटी बनाई है जिसमें डी.सी.एफ.ए पंकज कपूर और हेल्थ ऑफिसर डॉक्टर श्री कृष्ण शर्मा को लिया गया है । कमेटी को विभिन्न पहलुओं के आधार पर जांच के निर्देश दिए गए हैं । जब तक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक सैंकशन के आधार पर प्राइवेट गाड़ियों के माध्यम से कूड़ा उठाने का काम बंद कर दिया गया है और निगम स्टाफ को ही सारा कूड़ा उठाने का प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं ।

निगम अधिकारियों के हैं बिलों पर हस्ताक्षर
प्राइवेट ठेकेदार की गाड़ियों के माध्यम से शहर में से कूड़ा उठाने की एवज में ठेकेदार द्वारा जो बिल निगम की अकाउंट्स ब्रांच को सौंपे  जाते हैं  , उन बिलों  को संबंधित निगम अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया जाता है । पंजाब केसरी पास उपलब्ध रिकॉर्ड में जो बिल निगम को दिया गया है उस पर भी सेनेटरी इंस्पेक्टर  , चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर और ए.एच.ओ  के हस्ताक्षर हो चुके हैं । अब सवाल यह उठता है कि इन निगम अधिकारियों ने इन  बिलों को सत्यापित करते समय गाड़ियों के नंबरों की जांच क्यों नहीं की । यह भी देखने वाली बात है कि क्या जिन बिलों का भुगतान हो चुका है उनपर भी कहीं फर्जी नंबर तो नहीं लगे हुए ।


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Content Writer

Vatika

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