अच्छी खबरः अब Class में फ्रूट और पनीर का स्वाद चखेंगे सरकारी स्कूलों के Students

punjabkesari.in Wednesday, Apr 27, 2022 - 11:12 AM (IST)

लुधियाना (विक्की): शहर का विधानसभा हलका सैंट्रल राज्य का पहला ऐसा हलका होगा जहां के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विधार्थियों को अब स्कूल समय दौरान खाने के लिए फल और पनीर भी मिलेगा। यह पहल सरकार ने नहीं बल्कि विधायक अशोक पराशर पप्पी ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सेहत के मद्देनजर अपने दोस्तों के सहयोग से शुरू की है। इस शृंखला में बच्चों को रोटी-सब्जी के साथ अन्य विटामिन और पौष्टिक तत्वों की जरूरत को समझते हुए पप्पी ने हलके के सरकारी स्कूलों मे हर रोज फ्रूट व पनीर उपलब्ध करवाना शुरू भी कर दिया है। योजना की शुरूआत सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल डवीजन नंबर 3 में पप्पी ने खुद पहुंचकर करवाई। जहां बच्चों को मिड डे मील के साथ सेब और केले भी खाने के लिए बांटे गए।

खुद उठाई थाली और डैस्क पर बैठ बच्चों संग खाया खाना
पप्पी 
की सादगी देख स्कूल के अध्यापक उस समय प्रभावित हुए जब उन्होंने मिड-डे मील की गुणवत्ता चैक करने के लिए खुद बर्तनों में रखी एक थाली उठाई और खाना पका रही कुक से दाल-चावल लेकर कक्षा में बच्चों के बीच डैस्क पर बैठकर खाए। उन्होने मिड-डे मील खा रहे बच्चों से उनकी परेशानियों और पढ़ाई के बारे में भी बात की।

हलके के 17 सरकारी स्कूलों में हैं करीब 4 हजार विधार्थी
हलका 
सैंट्रल में कुल 17 सरकारी स्कूल (11 प्राइमरी,3 मिडल, 2 हाई और 1 सीनियर सैकेंडरी) हैं। इन सभी में करीब 4 हजार स्टूडैंट्स पढ़ रहे हैं जिनमें 2700 के करीब बच्चे तो केवल 11 प्राइमरी स्कूलों में ही हैं। वहीं अपर प्राइमरी स्कूलों में 1300 के लगभग विधार्थी हैं।

दोस्तों से शेयर की मन की बात तो शुरू हो गई योजना
विधायक
 पप्पी ने बताया कि पिछले दिनों सरकारी स्कूलों की विजिट की थी तो देखा कि बच्चों को मिड-डे मील में सिर्फ रोटी व सब्जी ही मिलती है। इस उम्र में बच्चों की सेहत के लिए अन्य विटामिन भी जरूरी हैं। इसके लिए उन्होंने अपने दोस्त होटल व्यवसायी आदेश बजाज व अन्य साथियों से बात की तो उन्होने स्कूलों के सभी विधार्थियों के लिए हर रोज फ्रूट व पनीर बांटने के लिए सहमति दी जिसे आज से शुरू कर दिया गया।

आधुनिक बनेंगे सभी सरकारी स्कूलों के बाथरूम
पप्पी
 ने कहा कि हलके के सभी सरकारी स्कूलों के खस्ताहाल बाथरूम आधुनिक ढंग से तैयार करवाने का काम भी उन्होंने निजी खर्चे व दोस्तों के सहयोग से शुरू करवा दिया है। स्कूलों के बाथरूम वर्ल्ड क्लास स्तर पर उपयोग की जाने वाली सुविधाओं से लैस होंगे। उन्होंने अध्यापकों को विश्वास दिलाया कि स्कूलों को हाईटैक करने के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे लेकिन वे बच्चों की पढ़ाई व अन्य सुविधाओं में कोई कमी न रहने दें।

 


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Vatika

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