‘वैंटीलेटर’ पर चल रही पंजाब की इंडस्ट्री को सस्ती बिजली दे सरकार

punjabkesari.in Friday, Feb 21, 2020 - 09:52 AM (IST)

जालंधर(पुनीत): 2020-21 के लिए पंजाब सरकार का बजट पेश होने वाला है, जिससे जनता को खासी उम्मीदें हैं लेकिन यदि बिजली मुद्दे की बात की जाए तो हर व्यक्ति सस्ती बिजली की मांग कर रहा है। घरेलू उपभोक्ता की तरह वैंटीलेटर पर चल रही इंडस्ट्री भी सस्ती बिजली देने की मांग कर रही है। इंडस्ट्री का कहना है कि मंदी की मार झेल रहे पंजाब को यदि आर्थिक तौर पर मजबूत बनाना है तो इसके लिए सस्ती बिजली समय की आवश्यकता है क्योंकि पड़ोसी राज्यों में सस्ती बिजली मिल रही है। 

विशेषज्ञ कहते हैं कि पड़ोसी राज्यों में सस्ती बिजली के कारण पंजाब की इंडस्ट्री बड़े स्तर पर पड़ोसी राज्यों में पलायन कर चुकी है, यदि पंजाब को इस मंदी के दौर में राहत नहीं दी गई तो वैंटीलेटर पर चल रही इंडस्ट्री के हालत आने वाले समय में बेहद खराब हो जाएंगे। आगामी वर्ष के लिए बिजली की दरों को लेकर इंडस्ट्री के साथ हुई रैगुलेटरी कमीशन की चेयरपर्सन कुसुमजीत कौर के समक्ष सस्ती बिजली देने का मुद्दा गंभीरता से उठ चुका है। केवल जालंधर ही नहीं बल्कि पटियाला, बठिंडा आदि शहर के उद्योगपतियों ने भी साफ कहा है कि उन्हें सस्ती बिजली हर हालात में मिलनी चाहिए। 

पंजाब सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट से पहले इंडस्ट्री की राय जानने हेतु उक्त संवाददाता ने उद्योगपतियों से बातचीत की, सभी ने सस्ती बिजली की मांग रखते हुए कहा कि पंजाब आर्थिक तौर पर पिछड़ रहा है। पंजाब सरकार को चाहिए की वह सस्ती बिजली देकर इंडस्ट्री को राहत दे क्योंकि बंद हो रही इंडस्ट्री के कारण यहां रोजगार बड़े स्तर पर प्रभावित हो रहा है। 

बिजली पर राहत देने से सरकार को होगा लाभ
पंजाब की महंगी बिजली के कारण कोस्ट ऑफ प्रोडक्शन (लागत शुल्क) बढ़ा है, इसका नुक्सान इंडस्ट्री को उठाना पड़ रहा है। मार्कीट में पंजाब की इंडस्ट्री को ऑर्डर लेने में खासी दिक्कतें पेश आ रही हैं इसलिए पंजाब सरकार को आगामी बजट में इंडस्ट्री को ध्यान में रखना चाहिए। सस्ती बिजली के जरिए राहत देने से सरकार को भी बेहद लाभ होगा क्योंकि जब प्रोडक्शन बढ़ेगी तो सरकार को टैक्सों के रूप में आमदन भी बढ़ेगी। इंडस्ट्री की ग्रोथ से रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे जिससे पंजाब में खुशहाली आएगी। 
-अश्विनी विक्टर, रिजनल चेयरमैन एफ.आई.ई.ओ.

महंगी बिजली के चलते नहीं लग रहे नए यूनिट
महंगाई के इस दौर में नए इंडस्ट्रीयल यूनिट न लग पाना पंजाब की ग्रोथ को रोक रहा है। इसके लिए महंगी बिजली दरें जिम्मेदार हैं। पंजाब में स्मॉल पावर व मीडियम पावर इंडस्ट्री को एक की श्रेणी में रखना चाहिए। ऐसा करने से स्मॉल पावर इंडस्ट्री अपना काम बढ़ाएगी और पंजाब को इससे फायदा होगा। आवश्यकता है पंजाब सरकार बिजली के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए घरेलू उपभोक्ताओं व इंडस्ट्री को राहत दे, अन्यथा पंजाब में दूसरे राज्यों से आने वाली लेबर मिलना बंद हो जाएगी और पंजाब की इंडस्ट्री को और नुक्सान होगा। 
-राजकुमार चौधरी, चीफ एडवाइजर ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर 

सरपल्स बिजली के बावजूद सुविधाएं उपलब्ध नहीं
कोई दौर ऐसा था जब पंजाब में बिजली की किल्लत के कारण इंडस्ट्री को परेशानी उठानी पड़ती थी लेकिन मौजूदा समय में पंजाब के पास सरपल्स बिजली होने के बावजूद इंडस्ट्री को वे सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं जिसकी आवश्यकता है। इंडस्ट्री को बिजली के मामले में कई तरह के अतिरिक्त खर्च उठाने पड़ते हैं जिसके चलते इंडस्ट्री की ग्रोथ नहीं हो पा रही। पंजाब सरकार को इस पर चिंतन करके बजट में राहत देनी चाहिए ताकि पंजाब की इंडस्ट्री में रोजगार के नए अवसर पैदा हों।     
-गुरशरण सिंह, चेयरमैन, फैडरेशन ऑफ जालंधर, मैन्युफैक्चर्ज एंड ट्रेडर्ज एसोसिएशन 

पड़ोसी राज्यों से शिक्षा लेकर खुशहाली लाए सरकार
हरियाणा, हिमाचल जैसे पड़ोसी राज्यों ने खुद को समृद्ध करने के लिए इंडस्ट्री को कई तरह की सहूलियतें देकर ऊपर उठाया है। इसके लिए सस्ती बिजली देना सबसे कारगर कदम साबित हुआ है। यही कारण है कि पंजाब सहित कई राज्यों की इंडस्ट्री ने हिमाचल/हरियाणा जैसे राज्यों में अपने यूनिट स्थापित किए हैं। पंजाब से इंडस्ट्री के पलायन करने के कारण यहां पर रोजगार के अवसर बेहद कम हुए हैं और नौजवान कामकाज की तलाश में दूसरे राज्यों की ओर जा रहे हैं। आवश्यकता है कि सरकार पड़ोसी राज्यों से शिक्षा लेकर खुशहाली लाए। 
-आर.के. गांधी, चेयरमैन स्पोर्ट्स एंड सर्जिकल कॉम्पलैक्स


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

Sunita sarangal

Recommended News

Related News