पंजाब के गांवों में रहने वाले लोगों के लिए खुशखबरी, सरकार ने लिया बड़ा फैसला
punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 01:33 PM (IST)

बठिंडा(विजय) : पंजाब सरकार ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ी पहल कर रही है। पंजाब हैल्थ सिस्टम कारपोरेशन और लोक निर्माण विभाग (पी.डब्लू.डी.) के सहयोग से जिले में विभिन्न स्थानों पर करोड़ों रुपए की लागत से प्राइमरी हैल्थ सैंटर, हैल्थ एंड वैलनैस सैंटर, ब्लड स्टोरेज रूम, डी-एडिक्शन सैंटर बनेंगे, वहीं सिविल अस्पताल में भी नई सुविधाएं मिलेंगी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण लोगों को इलाज के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों को समय पर इलाज न मिलने से स्थिति और भी जटिल हो जाती है। जिला अस्पताल और सब-डिवीजनल अस्पतालों पर अत्यधिक भार पड़ने से वहां भी मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए कई नए प्रोजैक्ट्स को मंजूरी दी है, जो इस प्रकार हैः-
- गांव जीदा में 2.76 करोड़ से प्राइमरी हैल्थ सैंटर का निर्माण होगा।
- भगता भाईका में 46 लाख की लागत से ब्लड स्टोरेज रूम बनाया जाएगा।
- रामपुरा फूल के सब डिवीजनल अस्पताल में 5.90 करोड़ से नया ब्लॉक खड़ा किया जाएगा। इनके अलावा गांव माइसरखाना में 3.39 करोड़ से प्राइमरी हैल्थ सैंटर बनेगा।
- सैंट्रल जेल बठिंडा में 63 लाख से डी-एडिक्शन सेंटर की स्थापना होगी।
वहीं पी.डब्ल्यू.डी. डिवीजन-1 और डिवीजन-2 की ओर से मिलकर जिले के विभिन्न गांवों में करीब 7.68 करोड़ की लागत से हैल्थ एंड वैलनैस सैंटर बनाए जाएंगे। ज्योंद, दयालपुरा, राईया, जलाल, सलाबतपुरा, बुर्ज लद्दी, कमालू में 2.21 करोड़ से निर्माण होगा। गांव गंगा, जोधपुर पाखर, ज्ञाना, सिंगो, भागीवांदर, कलालवाला, पथराला, दियोन, हररायपुर, अब्लू, मेहमा सरजा, बल्लुआना, नंदगढ़, जग्गाराम तीर्थ, नंगला में 5.47 करोड़ से सैंटर बनेंगे। बठिंडा के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में 3.11 करोड़ की लागत से फार्मेसी, कंट्रोल रूम, कैंटीन और स्टोर रूम का निर्माण किया जाएगा। स्टोर रूम की जगह कम होने से दवाइयों को बाहर रखने की नौबत आ जाती थी, जिससे खराब होने का खतरा बना रहता था। इस निर्माण से दवाइयों का समुचित भंडारण संभव हो सकेगा, साथ ही मरीजों व तीमारदारों के लिए बड़ी और सुविधा युक्त कैंटीन भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से 2 करोड़ की लागत से ग्रामीण क्षेत्रों में टैलीमैडीसिन फैकल्टी को भी विस्तार दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य दूर-दराज के गांवों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह को सुलभ बनाना है। फिलहाल जिले में 46 आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक चल रहे हैं, जिनमें से 11 को आयुष्मान आरोग्य केंद्र में परिवर्तित किया गया है। जिले में कुल 126 हैल्थ एंड वैलनैस सैंटर और 17 प्राइमरी हैल्थ सैंटर पहले से कार्यरत हैं। इन सभी सैंटरों पर सामान्य बीमारियों का इलाज, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, किशोरों की देखभाल, टी.बी. और कुष्ठ रोग जैसे संक्रामक रोगों का इलाज, 80 आवश्यक दवाइयां और बुनियादी जांच सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब ये सेवाएं नए सैंटरों और मोहल्ला क्लीनिकों में भी प्रदान की जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन परियोजनाओं के माध्यम से गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाकर मरीजों को उनके घर के पास ही इलाज सुलभ कराया जा सकेगा, साथ ही शहर के बड़े अस्पतालों पर पड़ने वाला दबाव भी कम होगा।