पंजाब में बिजली के संकट को देखते सरकार का किसानों को बड़ा झटका

punjabkesari.in Saturday, Oct 10, 2020 - 12:57 PM (IST)

चंडीगढ़: पिछले 16 दिनों से राज्य में रेल ट्रैक पर बैठे किसानों को एक और झटका लगा है। मालगाड़ी न चलने के कारण सरकारी और प्राईवेट थर्मल प्लांट में कोयले की भारी किल्लत के चलते कई यूनिट बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में राज्य में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में दी जा रही बिजली में कटौती कर दी है। अब किसानों को 2 घंटे ही बिजली मिलेगी। यहां राहत की बात यह है कि राज्य में बिजली की मांग तेज़ी से गिरी है। मांग और उत्पादन में सिर्फ़ 500 से एक हज़ार मेगावाट का ही फर्क है। इसको पूरा करने के लिए सरकार ने खेतों को मिल रही बिजली पर कैंची चलाई है।

PunjabKesari

बता दें कि इन दिनों में आलू और अन्य सब्जियों की बिजाई ज़ोरों पर है। ऐसे में बिजली कट का सीधा असर किसानों पर ही पड़ेगा। हालांकि पॉवरकाम ने बिजली कट की अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है। वहीं पॉवरकाम के चेयरमैन ए वेनूप्रसाद ने माना कि कोयला न मिलने के कारण संकट बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हम पंजाब में ब्लैक आउट नहीं होने देंगे। जिसके लिए विभाग की तरफ से उचित कदम उठाए जा रहे हैं। 

PunjabKesari

क्या कहना है किसान यूनियन उग्राहां का
उधर भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा के राज्य सचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि कोयले के संकट की बातें असल में किसानी संघर्ष को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने बताया कि उन्होंने कोयला संकट के मामले पर बरनाला में मीटिंग बुलाई है, जिसमें अगला फ़ैसला किया जाएगा।

PunjabKesari

पावरकाम मैनेजमेंट में कोयला संकट को लेकर अलग-अलग राय बनी
इस दौरान कोयला संकट को लेकर पॉवरकाम मैनेजमेंट में अलग -अलग राय बनी सामने आई है। एक तरफ़ सी.एम. डी. का कहना है कि कोयला संकट गंभीर है तो दूसरी तरफ़ डायरैक्टर जनरेशन जतिन्दर गोयल का कहना है कि कोई गंभीर संकट नहीं है। हमारे अपने थर्मल प्लांट में काफी कोयला पड़ा है और मांग कम होने के कारण हमने यह पलांट बंद किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि ज़रूरत अनुसार हम बिजली बाहर से भी खरीद रहे हैं। प्राईवेट थर्मलों में कोयला चाहे कम है लेकिन हमारी इनके ऊपर निर्भरता सिर्फ़ 20 प्रतिशत है, बाकी हमारे 80 प्रतिशत स्त्रोत अपने हैं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vatika

Recommended News

Related News