जालंधर के इस मेन चौक की ओर आने वाले दें ध्यान, उठाया जा रहा बड़ा कदम

punjabkesari.in Saturday, Jul 12, 2025 - 10:50 AM (IST)

जालंधर (खुराना): शहर के सौंदर्यीकरण और विकास को नई दिशा देने के लिए ओल्ड सब्जी मंडी चौक (निकट पटेल चौक) से विधिपुर फाटक तक जी.टी. रोड पर 8 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। जालंधर स्मार्ट सिटी कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए फॉरेस्ट विभाग को 5.55 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत सड़क के दोनों ओर ग्रीन बेल्ट का सौंदर्यींकरण किया जाएगा, जिसमें पौधरोपण, गजेबो, चिल्ड्रन प्ले एरिया, वॉकिंग ट्रैक, बेंच, एल.ई.डी. लाइट्स और साइनेज लगाए जाएंगे। प्रोजेक्ट 12 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और फारेस्ट विभाग जल्द इस पर काम शुरू करवाने जा रहा है ।

मेयर वनीत धीर, जो पिछले छह महीनों से शहर की कमान संभाले हुए हैं, ने इस प्रोजैक्ट को मूर्त रूप देने में अहम भूमिका निभाई है। उनके साथ निगम कमिश्नर गौतम जैन और डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल की भी सराहनीय भागीदारी रही। हाल ही में पंजाब सरकार ने बर्लटन पार्क स्पोर्ट्स हब प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी, और अब माना जा रहा है कि ग्रीन कॉरिडोर प्रोजैक्ट शहर के विकास में एक और मील का पत्थर साबित होगा।

बहुत खस्ताहाल स्थिति में है शहर का यह मेन एंट्री प्वाइंट

पटेल चौक से मकसूदा, सुरानुस्सी रोड होते हुए विधिपुर फाटक तक फैली इस ग्रीन बेल्ट की स्थिति वर्षों से बहुत खराब हालत में है। इस क्षेत्र में जगह-जगह अवैध कब्जे, फ्रूट मंडी, दुकानों का अनधिकृत निर्माण और जंगल जैसे हालात हैं। खासकर एचएमवी कॉलेज और मकसूदा सब्जी मंडी के आसपास की ग्रीन बेल्ट पर कब्जों और गंदगी की समस्या गंभीर है। यह सड़क अमृतसर और करतारपुर से जालंधर आने का प्रमुख एंट्री प्वाइंट है, लेकिन ग्रीन बेल्ट की बदहाली शहर की छवि को धूमिल करती रही है।

निगम चुनावों दौरान उठा था मुद्दा

इस साल के शुरू में हुए नगर निगम चुनावों के दौरान डिप्टी कमिश्नर और निगम कमिश्नर ने इस क्षेत्र की बदहाल स्थिति पर ध्यान दिया। पटेल चौक के पास ट्रांसपोर्ट कंपनियों के सामने, एचएमवी कॉलेज रोड और मकसूदा सब्जी मंडी से विधिपुर फाटक तक ग्रीन बेल्ट की दुर्दशा को देखते हुए डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर से चर्चा की गई। इसके बाद इस ग्रीन कॉरिडोर प्रोजैक्ट की नींव रखी गई।

इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा लक्ष्य ग्रीन बेल्ट से अवैध कब्जे हटाना और क्षेत्र को सुंदर व उपयोगी बनाना है। स्थानीय औद्योगिक इकाइयों को भी जंगल जैसे हालात और गंदगी के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कब्जे हटाने का काम कब शुरू होगा और यह प्रोजेक्ट तय समय में पूरा होकर शहर की सूरत कैसे बदलेगा। माना जा रहा है कि यह प्रोजैक्ट न केवल जालंधर के सौंदर्य को बढ़ाएगा, बल्कि शहरवासियों को स्वच्छ और हरा भरा पर्यावरण भी प्रदान करेगा।

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News Editor

Urmila

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