हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस के ASI के खिलाफ FIR दर्ज करने का दिया आदेश, पढ़ें पूरा मामला

punjabkesari.in Saturday, Aug 24, 2024 - 02:13 PM (IST)

खन्ना/दोराहा : खन्ना में पंजाब पुलिस के एएसआई के खिलाफ हाईकोर्ट एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। दरअसल, खन्ना के बहुचर्चित वकील मनीष खन्ना के 5 साल पुराने मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला आया है, जिसकी सुनवाई दौरान माननीय हाईकोर्ट ने एसएसपी खन्ना को हिदायत दी कि मैडीकल रिपोर्ट गुम होने के मामले में जांच कर रहे एएसआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। इस मामले की जांच किसी अन्य जिम्मेदार अधिकारी से कराने के भी आदेश दिए गए हैं। इस बहुचर्चित मामले की जांच कर रहे एएसआई प्रमोद कुमार पर जांच के दौरान मेडिकल रिपोर्ट गायब करने का आरोप है। एएसआई की इस लापरवाही पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है, जिसके बाद अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है।

5 सितंबर से पहले मांगी स्टेटस रिपोर्ट

हाई कोर्ट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि संबंधित मामले में जांच अधिकारी एएसआई प्रमोद कुमार थाना सिटी 2 खन्ना की ओर से शिकायतकर्ता के वकील मनीष खन्ना का सीटी स्कैन कराया गया था। मनीष खन्ना के पार्टनर रणबीर सिंह मान का एक्स-रे गायब हो गया। जिसके चलते एएसआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए गए। इस मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर 2024 को तय करते हुए उस समय तक स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी गई थी। मनीष खन्ना ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद वह शुक्रवार को एसएसपी खन्ना अश्वनी गोट्याल से मिले और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी गई।

क्या है पूरा मामला?

19 मई 2019 की रात जीटीबी मार्केट में हुई घटना के संबंध में अधिवक्ता मनीष खन्ना के बयान दर्ज करने के बाद तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्ष विकास मेहता, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अमित तिवारी, नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार के 2 बेटे चिराग और शेरी के अलावा अशोक कुमार के बेटे समेत 5 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 323, 341, 506, 148, 149 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उस समय खन्ना पुलिस द्वारा मारपीट की मामूली धाराओं में मामला दर्ज करने से नाराज वकीलों ने हड़ताल कर दी थी और पंजाब में धारा 307 लगाने की मांग की थी। हड़ताल की घोषणा के बाद ही पुलिस ने धारा 307 बढ़ा दी थी।

लुधियाना के एसपीएस अस्पताल में इलाजरत कांग्रेस नेता रणबीर सिंह लाडी मान के बयानों के आधार पर पुलिस ने इस मामले में कुछ अन्य लोगों को भी नामजद किया था, लेकिन बाद में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने धारा 307 तोड़कर धारा 325 लगा दी। जिसके बाद वकीलों ने पंजाब के डीजीपी से संपर्क कर उच्च सत्र की जांच शुरू करा दी है। हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। एडवोकेट मनीष खन्ना के मुताबिक हाईकोर्ट ने पीजीआई चंडीगढ़ में मेडिकल बोर्ड गठित कर दोबारा रिपोर्ट मांगी है। पीजीआई के मेडिकल बोर्ड ने पुलिस जांच अधिकारी से वकील मनीष खन्ना और कांग्रेस नेता रणबीर सिंह लाडी मान की सीटी स्कैन और एक्स-रे रिपोर्ट मांगी, लेकिन संबंधित पुलिस अधिकारी मेडिकल रिपोर्ट पेश नहीं कर सके। जिसके बाद यह बात सामने आई कि पुलिस जांच अधिकारी ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड से डिलीट कर दिया है।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Kamini