‘धीयां दी लोहड़ी’: High School व कालेज की छात्राओं को मिलेंगे मुफ्त Sanitary Pads

punjabkesari.in Friday, Jan 08, 2021 - 10:03 AM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर, (अश्वनी, धवन): पंजाब में जनवरी महीना ‘धीयां दी लोहड़ी’ के तौर पर समर्पित रहेगा। मुख्यमंत्री अमरेंद्र ने ‘धीयां दी लोहड़ी’ का आगाज करते हुए सांकेतिक तौर पर 5 बच्चियों को उनकी माताओं सहित आशीर्वाद दिया और 5100 रुपए का शगुन व हर बच्ची के लिए साजो-सामान भी भेंट किया। 

इन बच्चियों में गांव फतेहगढ़, ब्लॉक माजरी से निमरत कौर और उसकी माता दविंद्र कौर, कुराली से जैसवी बंसल और उसकी माता निष्ठा बंसल, माजरी ब्लॉक के गांव बड़ौदी से गुरलीन कौर और उसकी माता गुरप्रीत कौर, गांव माजरा से प्रभजीत कौर और उसकी माता सर्बजीत कौर और खुशलीन कौर और उसकी माता संदीप कौर शामिल हैं। इस विशेष स्कीम के अंतर्गत मुख्यमंत्री की तरफ से लिखे और हस्ताक्षरित पत्र इस वर्ष अपनी पहली लोहड़ी मना रही 1.5 लाख से अधिक लड़कियों के माता-पिता को सौंपे जाएंगे। वर्चुअल ढंग से शुरू की गई स्कीम के अलावा 2500 खेल किटों के वितरण का आरंभ भी किया गया। वहीं पंजाब में हाई स्कूल और कालेज की छात्राओं के लिए मुफ्त सैनेटरी पैड योजना का भी आगाज किया गया। साथ ही 75.64 करोड़ रुपए की लागत वाले स्मार्ट मीटरिंग प्रोजैक्ट और उपभोक्ताओं द्वारा ई-फाइलिंग द्वारा शिकायतें दायर करने के लिए ई-दाखिल पोर्टल की शुरूआत भी की गई। 

सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी ने कहा कि ‘धीयां दी लोहड़ी’ महीने के आखिर में फिरोजपुर में राज्य स्तरीय समागम करवाया जाएगा, जहां नवजात बच्चियों के माता-पिता और दादा-दादी को सम्मानित किया जाएगा। बसेरा प्रोग्राम की शुरूआत के साथ पटियाला, बठिंडा, फाजिल्का और मोगा जिलों की 10 झुग्गी-झोंपडिय़ों के 2816 निवासियों को पहले दौर में मालिकाना हक दिए जाएंगे।  पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार के सौतेले रवैये के बावजूद पंजाब सरकार ने गरीब और नागरिक हितैषी कई स्कीमें लागू की हैं। इससे पहले वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को कहा कि वर्ष 2021-22 के सालाना बजट, जोकि तैयारी अधीन हैं, में अतिरिक्त तौर पर फंड हासिल करने के लिए अपनी-अपने विभागों की स्कीमें और योजनाएं पेश करें। उन्होंने कैबिनेट सहयोगियों को यकीन दिलाया कि हालांकि केंद्र ने राज्य के 1200 करोड़ रुपए के आर.डी.एफ. फंड का हिस्सा और जी.एस.टी. की 8000 करोड़ रुपए की राशि रोक रखी है, परंतु फिर भी फंड की कमी को विकास के रास्ते में रोड़ा नहीं बनने दिया जाएगा। 


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