NRI'S के लिए अहम खबर, बड़े कदम उठाने जा रही भगवंत मान सरकार

punjabkesari.in Thursday, Aug 04, 2022 - 09:03 AM (IST)

चंडीगढ़:  : पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा आप्रवासी पंजाबियों को सहायता प्रदान करने और उनकी समस्याओं का जल्द हल करने के लिए नई एन.आर.आई. नीति लाई जा रही है। राज्य के आप्रवासी भारतीय मामलों बारे मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने आज एन.आर.आई. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा एन.आर.आई. कमिशन के सदस्यों के साथ बैठक करके नई एन.आर.आई. नीति के मसौदे को लेकर लम्बी चर्चा की।

धालीवाल ने बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि पंजाब सरकार द्वारा आप्रवासी पंजाबी नौजवान को अपनी जड़ों के साथ जोडऩे के लिए प्रोग्राम चलाया जा रहा है तथा उसी तर्ज पर भगवंत मान सरकार द्वारा बुजुर्गों के लिए भी प्रोग्राम तैयार किया जाएगा जिसके तहत आप्रवासी पंजाबी बुजुर्गों को राज्य के धार्मिक व ऐतिहासिक स्थानों की मुफ्त यात्रा करवाई जा सके। कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि आप्रवासी पंजाबियों को बड़ी राहत प्रदान करने के लिए सिविल लोक अदालतों की तर्ज पर आप्रवासियों के मसले निपटाने के लिए एन.आर.आई. लोक अदालतें स्थापित करने के प्रयास किए जाएंगे। इन अदालतों में विशेष तौर पर जमीनों तथा विवाह से संबंधित झगड़े मौके पर ही आपसी सहमति से निपटाए जाएंगे जिसको कानूनी मान्यता प्राप्त होगी।

बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया जिसके बारे में मुख्यमंत्री भगवंत मान को आग्रह किया जाएगा कि एन.आर.आई. के मसलों को जिला स्तर पर निपटाने के लिए हर जिले में पी.सी.एस. अधिकारी को नोडल अफसर के तौर पर तैनात किया जाए। उन्होंने कहा कि आमतौर पर एन.आर.आइज की जमीनों पर कब्जों के बहुत सारे मामले सामने आए हैं जिसके हल के लिए फैसला किया गया है कि ऐसा कानूनी बदलाव किया जाए कि एन.आर.आइज की जमीनों की गिरदावरी सहमति के बिना न बदली जा सके। बैठक में फैसला लिया गया कि आप्रवासी पंजाबियों को कानूनी सहायता के लिए एडवोकेट जनरल के वकीलों का पैनल लिया जाए। जरूरत पडऩे पर एन.आर.आई. इन वकीलों से कानूनी सहायता ले सकेंगे।आप्रवासी मामलों बारे मंत्री ने एन.आर.आई. सभा जालंधर के पिछले सालों के दौरान किए गए कामों की समीक्षा करने के निर्देश जारी किए। बैठक में एन.आर.आई. विभाग के विशेष मुख्य सचिव कृपाशंकर सरोज, एन.आर.आई. कमिशन के सदस्य एम.पी. सिंह, हरदीप सिंह ढिल्लों, गुरजीत सिंह लहल व सविंद्र सिंह सिद्धू भी हाजिर थे।


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Vatika

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