Boycott Turkey: भारत का तुर्की को करारा जवाब, सेब सहित इन चीजों का किया बायकाट
punjabkesari.in Wednesday, May 14, 2025 - 06:34 PM (IST)

पंजाब डेस्क : पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने से आक्रोश पैदा हो गया है। इसके बाद अब लोग तुर्की यात्रा का बहिष्कार कर रहे हैं। इसके साथ ही भारत में तुर्की का बायकाट करने की मांग उठ रही है। देश भर के व्यापारियों द्वारा तुर्की से आयात किए जाने वाले सामान का बायकाट कर तुर्की को जवाब देने का ऐलान किया गया है।
जानकारी के अनुसार मुंबई जैसे बड़े शहरों में व्यापारियों ने तुर्की से आयात सेब बेचना पूरी तरह से बंद कर दिया है। पुणे के फल बाजार में तुर्की के सेब का वार्षिक आयात लगभग 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये का है। इसके बाद अब लोग तुर्की के सेबों के स्थान पर अन्य देशों और भारत के सेब खरीद रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि यह सेना और सरकार के साथ एकजुटता दिखाने का हमारा तरीका है। अब विक्रेता हिमाचल, उत्तराखंड, ईरान और अन्य स्थानों से सेब खरीद रहे हैं। वहीं लोगों द्वारा भी तुर्की के सेब को खरीदना बंद कर दिया गया है और तुर्की से आने वाले सेबों की बिक्री पूरी तरह बंद हो गई है। इसे लेकर एक फल विक्रेता ने बताया कि ग्राहक तुर्की सेब से दूरी बना रहे हैं और हमारे पास सेब के कई विकल्प है। इस लिए विरोधी देश से सेब खरीदने की जरुरत नहीं है। इसका सीधा असर तुर्की की आर्थिक स्थिती पर पड़ेगा क्योंकि भारत के सामान न खरीदने पर तुर्की को बड़ा नुकसान होगा।
एशिया के सबसे बड़े मार्बल व्यापार केंद्र के रूप में जाने जाते तुर्की से भारत के व्यापारियों ने मार्बल का आयात बंद करने का निर्णय लिया है। इसका कारण तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन है। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि जब तक तुर्की पाकिस्तान को समर्थन देता रहेगा, तब तक उसके साथ कोई व्यापार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत में आयात होने वाले कुल मार्बल का लगभग 70 प्रतिशत तुर्की से आता है, लेकिन अब यह आयात बंद किया जा रहा है।
सिर्फ सेब और मार्बल ही नहीं जैतून का तेल, सूखे मेवे, कपड़े फर्नीचर, सजावटी सामान, हस्तशिल्प और टाइलें आदि भी तुर्की से मगवाई जाती थी पर अब लोगों का इसके प्रति रुझान कम हो गया है और लोग तुर्की से सभी सामान का बायकाट कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अब समय आ गया है कि भारत तुर्की से पूर्ण आर्थिक दूरी बनाए।
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