कोविड-19 जांच संबधी इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा वेटरनरी यूनिवर्सिटी को मिली मंजूरी

punjabkesari.in Monday, Aug 03, 2020 - 06:12 PM (IST)

लुधियाना (सलूजा): कोविड-19 महामारी की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए पंजाब सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसी संबध में सरकार की तरफ से कोरोना की जांच हेतु 4 नई लैबोरेटरी स्थापित करने की मंजूरी दी गई। जिनमें से एक गुरू अंगद देव वेटरनरी व एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी लुधियाना के कॉलेज ऑफ एनिमल बायोतकनॉलोजी में स्थापित हो रही है। 

वेटरनरी यूनिवर्सिटी को पहली मंजूरी
यूनिवर्सिटी के निर्देशक खोज व इस लैबोरेटरी के मुख्य अधिकारी डा जतिंदरपाल सिंह गिल ने जानकारी देते हुए यह दावा किया कि 4 लैबोरेटरियों में से वेटरनरी यूनिवर्सिटी वाली लैबोरेटरी को इंडियन कौंसिल ऑफ मैडीकल रिसर्च ने सबसे पहले मंजूरी दी है। 

यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को टैस्टिंग में मुहारत
वेटरनरी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के पास यह टैस्टिंग करने की मुहारत है। जिससे वह पहले भी यूनिवर्सिटी में निरीक्षण करते है। इन वैज्ञानिकों में से ही 10 वैज्ञानिक गर्वनमेंट मैडीकल कॉलेज अमृतसर व पटियाला में कोरोना जांच संबधी स्थापित की लैबोरेटरियों में अपनी सेवाएं देकर आए है। 

उप कुलपति ने लैबोरेटरी शुरू होने से किया दौरा
गडवासू यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डा इंद्रजीत सिंह ने लैबोरेटरी शुरू होने से पहले दौरा किया। जिसमें उन्होंने लैबोरेटरी के समूचे कार्य की बारीकी से समीक्षा की। उप कुलपति ने अपने विचार सांझे करते हुए कहा कि वेटरनरी डॉक्टर एक विश्व एक सेहत के क्षेत्र में मानवता के भाईचारे की सुरक्षा हेतु लगातार काम कर रहे है। उन्होंने सरकार का विशेष तौर पर धन्यवाद करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी की बेहतर कार्यगुजारी को ध्यान में रखते हुए यहां कोविड जांच लैबोरेटरी को मंजूरी दीं है। उन्होंने इस बात का भरोसा भी दिया कि वर्तमान चुनौतियों का सामना करने हेेतु यूनिवर्सिटी के समूह वैज्ञानिक दिन रात एक कर देगे। उन्होंने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ सांइसिेज के उप कुलपति डा राज बहादुर के प्रति भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही यहां जरूरत के मुताबिक मशीनरी व सहायक स्टाफ उपलब्ध हुआ है। 

टैस्टिंग हेतु चुने वैज्ञानिकों से की मीटिंग
उप कुलपति डा इंद्रजीत सिंह ने लैबोरेटी में काम करने हेतु चुने गए वैज्ञानिकों से मीटिंग करते हुए उनको यहीं निर्देश दिए कि वह पूरी तनदेही से काम करे ताकि समाज की सुरक्षा में अपना पूरा योगदान पा सके। 

2 शिफ्टों में होगा काम
निर्देशक खोज डा गिल ने यह भी जानकारी दीं कि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी से जरूरत के मुताबिक किट्स के आते ही सैंपलों की जांच का काम शुरू कर दिया जाएगा। शुरूआत में 20 वैज्ञानिक व लैबोरेटरी स्टॉफ की सहायता से 2 शिफ्टों में काम किया जाएगा। 

हर रोज 100 से 250 सैंपलों की होगी जांच
यूनिवर्सिटी से मिली जानकारी अनुसार शुरूआती दौर में 100 से 250 सैंपलो की जांच की जाएगी। उसके बाद फिर जांच को बढ़ाते हुए 1000 सैंपलों तक ले जाएगे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Mohit

Recommended News

Related News