उलटी गंगा! पढ़ाई करने के बदले विदेशी शिक्षण संस्थाओं से करोड़ों वसूल रहे हैं भारतीय छात्र

punjabkesari.in Sunday, Jul 16, 2023 - 09:15 PM (IST)

जालंधर (नरेंद्र मोहन): बेशक पंजाब से स्टडी वीजा के आधार पर विदेश में प्रति वर्ष 30,000 करोड़ रुपए भी विदेश जा रहे हैं जोकि पंजाब के बजट का 20 फीसदी है परंतु विदेश जाने वाले छात्रों की श्रेणी में ऐसे छात्रों की संख्या भी बढ़ रही है जो विदेश की यूनिवर्सिटीज़, कॉलेज इत्यादि से शिक्षा ग्रहण करने के बदले में करोड़ों विदेशी डॉलर वसूल रहे हैं। पंजाब व चंडीगढ़ में ऐसे 25 छात्र इस बार भी आगे आए हैं जिन्हें विश्व की शीर्ष यूनिवर्सिटीज़ द्वारा 40 करोड़ रुपए  सालाना से अधिक की राशि स्कॉलरशिप के रूप में स्वीकृत हुई है। इनमें से प्राप्ति कक्कड़ ऐसी छात्रा है जिसे अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी ने न सिर्फ 3000 डॉलर प्रति माह स्कॉलरशिप दी है बल्कि उसकी दक्षता के चलते फीस भी 100 प्रतिशत माफ की है। 

विदेशी यूनिवर्सिटीज़ द्वारा चयन किए गए ऐसे छात्रों का उनके माता-पिता, मेंटर्स व काउंसलर द्वारा सम्मान व विदाई समारोह किया गया जिसमें क्षेत्र के जाने-माने शिक्षाविद व काउंसलर उपस्थित थे। अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी एक्सपर्ट काउंसलर पुनीता सिंह ने बताया कि यदि विदेश में पढ़ने वाले सभी भारतीय छात्रों को एक साथ रखा जाए तो वे मॉरीशस की जनसंख्या से अधिक हो जाएंगे। अनुमान है कि साल 2023 के अंत तक 12 लाख से भी अधिक भारतीय छात्र 85 देशों में पढ़ रहे होंगे और यह संख्या बढ़ने वाली है।

उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से आर्थिक अवसरों, शिक्षा की गुणवत्ता और अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोज़र के कारण विदेशी शिक्षा की मांग हर साल बढ़ रही है। जबकि कई भारतीय विश्वविद्यालयों ने वैश्विक पहचान बनाई है लेकिन अधिकतर भारतीय छात्र शिक्षा ऋण और स्कॉलरशिप पर निर्भर हैं। एक अध्ययन से पता चला है कि जो छात्र स्कॉलरशिप प्राप्त करते हैं उनके अपनी पढ़ाई पूरी करने और आर्थिक रूप से सफल होने की अधिक संभावना होती है। काउंसलर पुनीता सिंह के मुताबिक ये एक मिथ है कि विदेश जाने के लिए अकादमिक शिक्षा में मेरिट में होना ही विदेश जाने की एक योग्यता है जबकि लीडरशिप, अन्य गतिविधियां, लेखन और प्रस्तुतिकरण बड़ी योग्यताएं हैं अर्थात छात्र का किताबी कीड़ा नहीं बल्कि स्मार्ट होना ज़रूरी है।

विदेश से शिक्षा प्राप्त करने वाले इन छात्रों में ऐसे छात्र भी शामिल हैं जिनकी अकादमिक शिक्षा का प्रतिशत 60 से 70 फीसदी के बीच है। इनमें से सीरत ऐसी छात्रा है जिसे अमेरिका, कनाडा और भारत की 20 यूनिवर्सिटीज़ से स्कॉलरशिप ऑफर हुई है। विदेशी यूनिवर्सिटीज़, कॉलेज में स्कॉलरशिप के लिए योग्य हुए इन छात्रों में ऐसे भी हैं जो पंजाब के ग्रामीण अंचल से हैं। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी एक्सपर्ट काउंसलर पुनीता सिंह पिछले 18 वर्षों से छात्रों की काउंसलिंग करके हजारों छात्रों को विदेशी स्कॉलरशिप लेने के योग्य बना चुकी हैं।

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News Editor

Paras Sanotra

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