Jalandhar में Mask पहनना जरूरी! बिगड़ रहे हालात, पढ़ें...

punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 09:08 AM (IST)

जालंधर(खुराना): कभी पंजाब का सबसे सुंदर शहर कहलाने वाला जालंधर आज धूल-मिट्टी की चपेट में है और यहां के लोग साफ हवा में सांस लेने को तरस रहे हैं। सरफेस वाटर प्रोजैक्ट के नाम पर शहर की मेन सड़कों पर चल रही और हो चुकी खुदाई ने जालंधर को प्रदूषण की दलदल में धकेल दिया है। महावीर मार्ग, गुरु रविदास चौक, तल्हन रोड और वेरका प्लांट जैसे व्यस्त इलाकों में उड़ रही धूल ने आधे शहर को बीमार कर दिया है।

आदर्श नगर, विजय नगर जैसी कॉलोनियों में तो हालात इतने बदतर हैं कि मास्क पहनना अब जरूरी और मजबूरी बन गया है। महावीर मार्ग के दुकानदार तक इस स्थिति से बेहद परेशान हैं और उनका काम-धंधा चौपट हो चुका है। हालात यह हैं कि महावीर मार्ग पर भारी ट्रैफिक के बीच खुदाई से निकली मिट्टी पाउडर बनकर हवा में घुल रही है, जो सीधे लोगों के फेफड़ों और आंखों पर हमला कर रही है। सांस की तकलीफ, दमा, टीबी, आंखों में इन्फेक्शन, चमड़ी पर रैशेज और गले में खराश की शिकायतें आम हो गई हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों में सांस और एलर्जी से जुड़े मरीजों की संख्या में काफी बढ़ौतरी हुई है।

हालात सुधारने की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे सरकारी विभाग
महावीर 
मार्ग पर वाहनों के गुजरते ही मिट्टी इतनी ज्यादा उड़ती है कि एक-एक किलोमीटर दूर तक लोग परेशान हो जाते हैं। नतीजा यह है कि सड़क किनारे रहने वाले लोग दिन-रात धूल निगलने को मजबूर हैं। लोग कहते हैं कि अब घरों के भीतर भी सांस लेना दूभर हो गया है। नगर निगम और सीवरेज बोर्ड के अधिकारी इस हालात में पूरी तरह असहाय दिखाई दे रहे हैं और हालात सुधारने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा । न तो ट्रैफिक के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाए गए और न ही खुदाई वाली सड़कों को सुरक्षित करने का इंतजाम हुआ।

नतीजतन न केवल प्रदूषण बढ़ रहा है, बल्कि हादसों की आशंका भी हर समय बनी हुई है। निगम ने दो-चार दिन के लिए पानी का छिड़काव करवाया जरूर, मगर अब वह प्रबंध भी गायब हो चुके हैं। लोगों का कहना है कि यदि खुदाई से निकली मिट्टी के ऊपर पत्थर डाल दिए जाएं और बैरिकेडिंग का उचित प्रबंध हो, रोलर चलाकर मिट्टी को दबाया जाए और हर सुबह-शाम छिड़काव किया जाए, तो हालात काफी सुधर सकते हैं। साथ ही मानसून के बाद सड़कों को तुरंत दोबारा बनाना बेहद जरूरी है, वरना स्थिति और बिगड़ जाएगी। शहरवासियों का आरोप है कि प्रशासन केवल वी.वी.आई.पी. विज़िट के समय ही व्यवस्थाएं करता है, आम नागरिकों की सेहत की किसी को परवाह नहीं है। यह हालात साफ संकेत हैं कि सरकारी विभाग और एजैंसियां आम जनता की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही हैं। जरूरत इस बात की है कि प्रदूषण रोकने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाए जाएं ताकि जालंधर एक बार फिर सांस लेने लायक बन सके।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vatika

Related News