Jalandhar: ओ.टी.आर. पॉलिसी के तहत लोगों को बड़ी राहत, डिप्टी कमिश्नर ने दिये ये निर्देश
punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 12:18 AM (IST)

जालंधर : डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब सरकार की ओर से नगर सुधार ट्रस्टों द्वारा बेची गई संपत्तियों पर निर्माण करने के लिए अतिरिक्त समय देने और ‘ना-निर्माण शुल्क’ जमा करवाने में राहत देने के लिए जारी की गई ‘वन टाइम रिलैक्सेशन’ (ओ.टी.आर.) पॉलिसी के तहत संबंधित लाभार्थी/आवंटी इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर के दफ्तर जाकर अपनी बनती ‘ना-निर्माण शुल्क’ जमा करवा सकते हैं।
डॉ. अग्रवाल ने इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारियों को निर्देश दिए कि संबंधित आवंटियों और लाभार्थियों को उनकी बनती रकम के बारे में सूचित किया जाए ताकि उन्हें फीस जमा करवाने में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए कि बनती फीस से संबंधित सूचियाँ तैयार कर प्रशासन की वेबसाइट jalandhar.nic.in पर 10 दिनों के भीतर अपलोड की जाएं। इसके अलावा इन सभी मामलों का निपटारा 2 महीनों के भीतर सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए गए।
गौरतलब है कि इस पॉलिसी के अनुसार जिन आवंटियों को अलॉटमेंट लेटर जारी होने की तारीख से 15 साल से कम या 15 साल से ज्यादा समय हो गया है, उनकी बनती ‘ना-निर्माण शुल्क’ की मूल राशि और ब्याज की कुल रकम पर 50% छूट दी जाएगी। 15 साल से अधिक समय की बनती ‘ना-निर्माण शुल्क’ रिज़र्व रेट (लागू दर) के 5% की दर से तय की जाएगी। इसके अलावा सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और कार्रवाई में शहीद हुए सशस्त्र बलों व अर्धसैनिक बलों के कानूनी वारिसों को ‘ना-निर्माण शुल्क’ पर दी गई उक्त छूट के ऊपर अतिरिक्त 25% की और छूट दी जा रही है।
उन्होंने आगे बताया कि जिन आवंटियों को 15 साल से अधिक का समय हो चुका है, वे पॉलिसी जारी होने की तारीख से 2 साल के भीतर निर्माण करने के लिए बाध्य होंगे, बशर्ते इस अवधि की बनती ‘ना-निर्माण शुल्क’ भी जमा करवाएं। उन्होंने कहा कि संबंधित आवंटी 31 दिसंबर 2025 तक ‘ना-निर्माण शुल्क’ की छूट प्राप्त करने के उपरांत निर्माण करने के लिए नक्शा नगर सुधार ट्रस्ट के पास जमा करवाना सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि पॉलिसी की अवधि समाप्त होने के बाद नियमों के अनुसार प्लॉट रद्द करने, ज़ब्त करने और संबंधित प्लॉटों का कब्ज़ा वापस लेने की कार्रवाई करने के लिए संबंधित नगर सुधार ट्रस्ट का कार्यकारी अधिकारी जिम्मेदार होगा।