Kartarpur Corridor: गुरु साहिब के गौरवशाली इतिहास का प्रतिनिधित्व करेगा यात्री टर्मिनल

punjabkesari.in Friday, Oct 25, 2019 - 01:31 PM (IST)

गुरदासपुर(हरमनप्रीत): करतारपुर साहिब कॉरीडोर की दोनों तरफ भारत और पाकिस्तान द्वारा बनाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय यात्री टर्मिनल और चैकपोस्ट को जहां सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए हर संभव प्रयत्न किए जा रहे हैं, वहीं इन दोनों इमारतों को धार्मिक रंग में रंगने की तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं। 
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इसके अंतर्गत अब तक की गई तैयारियों में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमा के बिल्कुल निकट बनाई गई चैकपोस्ट को बाकायदा धार्मिक रंग दे कर इस ढंग से बनाया गया है कि सफेद रंग के पेंट वाली इस इमारत को देख कर गुरुद्वारा साहिब होने का भ्रम पैदा होता है। दूसरी तरफ भारत द्वारा बनाई जा रही इंटैग्रेटिड चैक पोस्ट आधुनिक सुविधाओं और हवाई अड्डे के टर्मिनल के समान तैयार की जा रही है। इस इमारत का बाह्य आकार चाहे पाकिस्तान की चैकपोस्ट की तरह धार्मिक नहीं लगता, परंतु इसके  संयुक्त माडल के मुताबिक जब इस टर्मिनल के सभी चरण पूर्ण होंगे तो इसके मुख्य मार्ग पर लगाए जाने वाले बड़े खंडे भी इसको धार्मिक रूप देने का कार्य करेंगे। इसके साथ ही इस टर्मिनल में जहां सिख योद्धाओं और आजादी के परवानों की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी, वहीं गुरू नानक देव जी से संबंधित पेंटिंग व अन्य कई कलाकृतियां इसमें सजाई जाएंगी। यह इमारत गुरू साहिब के फलसफे और गौरवशाली इतिहास का प्रतिनिधित्व करेगी। 
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पहले चरण में लगेंगी सिख योद्धाओं की 10 फुट ऊंची प्रतिमाएं
जानकारी अनुसार इस टर्मिनल का उद्घाटन होने से पहले यहां महाराजा रणजीत सिंह, हरी सिंह नलूआ, बाबा बंदा सिंह बहादुर, जस्सा सिंह आहलूवालिया, शहीद भगत सिंह और शहीद ऊधम सिंह की करीब 10-10 फुट ऊंची प्रतिमाएं भी लगाई जाएंगी, जबकि दूसरे चरण में गुरू नानक देव जी से संबंधित पेंटिंग व अन्य कला कृतियों और इतिहास को भी इस टर्मिनल में लगाया जाएगा। दूसरी तरफ सिख विद्वान और नेता यह इच्छा जता रहे हैं कि इस टर्मिनल के उद्घाटन से पहले ही यहां गुरू नानक देव जी से संबंधित उपदेश, उनकी जीवनी, शिक्षाएं और इस इलाके के महत्व संबंधी अन्य धार्मिक जानकारियां दर्शाई जानी चाहिए। इसी संदर्भ में कैबिनेट मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा द्वारा बाकायदा लैंडपोर्ट अथारिटी को मिल कर इस संबंधी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। रंधावा ने कहा कि अब पहले चरण में ही गुरू साहिब से संबंधित इतिहास संबंधी इस टर्मिनल में पेंटिंग लगाने सहित अन्य काम शुरू कर दिया गया है। 

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अधूरे पड़े हुए हैं अनेक कार्य
इस अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल का कार्य विभिन्न चरणों में किया जाना है जिसके पहले चरण का कार्य इस टर्मिनल के उद्घाटन से पहले-पहले मुकम्मल किया जाना है। इसके अंतर्गत 2000 कारीगरों द्वारा दिन-रात किए जा रहे कार्य के बावजूद अभी तक स्थिति यह बनी हुई है कि इस टर्मिनल की छत पर लगने वाली अति आधुनिक किस्म की शीट लगाने का कार्य भी पूरा नहीं हो सका है। इसके साथ ही मुख्य गेट, चारदीवारी सहित अन्य अनेक ऐसे कार्य हैं जिनको जल्द निपटाने के लिए हर संभव यत्न किए जा रहे है। इसके तहत कॉरीडोर के शुरू करने वाले चौक में लगाए जाने वाली रबाब और एक ओंकार साहिब के निशान का कार्य भी मुकम्मल नहीं हुआ और न ही लाइट लगाने का कार्य पूरा हो सका है। इसके तहत अधूरे पड़े अन्य अनेक कार्यों को समय पर पूरा करना संबंधित कंपनी के लिए आसान नहीं दिखाई दे रहा। 


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