जानिए क्यों मनाते है बैसाखी का त्यौहार

punjabkesari.in Thursday, Apr 12, 2018 - 03:29 PM (IST)

जालंधरः पंजाब को पांच पानियों की तथा गुरुओं फकीरों की धरती कहा जाता है। यहां हरेक पर्व की अपनी महत्वता है। सब त्यौहारों में से बैसाखी पंजाब का महत्वपूर्ण पर्व है। इस त्यौहार को उत्तर भारत में विशेषकर पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है।  इसे खेती का त्यौहार भी कहा जाता है।  इस त्यौहार को मनाने की कोई एक वजह नहीं है। पंजाब और हरियाणा में यह एक आध्यात्मिक त्यौहार है जिसे किसानों के लिए फसल काटने के उल्लास में मनाया जाता है। जानिए क्यों मनाया जाता है बैसाखी का त्यौहारः-

खालसा पंथ की स्थापना 

सिखों के लिए इस त्यौहार का अपना  एक विशेष महत्व है। इस दिन सिखों के दशम् पिता गुरु गुरु गोबिन्द सिंह जी ने  1699 में  श्री आनंदपुर साहिब में में खालसा पंथ की स्थापना की थी।  ‘खालसा’  खालिस शब्द से बना है। इसका मतलब है– शुद्ध, पावन या पवित्र। इसके पीछे गुरु गोबिन्द सिंह जी का मुख्य उदेश्य लोगों को तत्कालीन शासकों के अत्याचारों और जुल्मों से मुक्त दिलाना था। खालसा पंथ की स्थापना द्वारा गुरु गोबिन्द सिंह जी ने लोगों को जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव छोड़कर धर्म और नेकी पर चलने की प्ररेणा दी।PunjabKesari image, khalsa panth ki sthapna image photo

किसानों के लिए विशेष महत्व

किसान बैसाखी का त्यौहार रबी की फसल  पकने की खुशी के रूप में मनाते हैं। पंजाब और हरियाणा मे  जब  रबी की फसल पककर तैयार हो जाती है तब यह पर्व धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन गेहूं, तिलहन और गन्ने की फसल काटने की शुरूआत होती है।  
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स्वधीनता और बैसाखी 

बैसाखी के त्यौहार को स्वतंत्रता संग्राम से भी जोड़ा जाता है। इसी दिन वर्ष 1919  को हजारों लोग रॉलेट एक्ट के विरोध में  पंजाब के अमृतसर में स्थित जलियांवाला बाग में एकत्र हुए थे। यहां जनरल डायर ने  हजारों निहत्थे लोगों पर  फायरिंग करने के आदेश दिए थे। इस घटना ने देश की आजादी के आंदोलन को एक नई दिशा प्रदान की।  कारण कोई भी हो लेकिन हर त्यौहार की तरह इस त्यौहार की भी अपनी एक पहचान है। चाहे त्योहार जो भी हो लेकिन यह हमारी सुस्त पड़ी हुई जिंदगी मे उत्साह, सुखद और सकरात्मक परिवर्तन लाने का काम करते है।PunjabKesari image, जलियांवाला बाग इमेज फोटो वॉलपेपर फुल एचडी फोटो गैलरी फ्री डाउनलोड

  


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