LKG की छात्रा से रेप के बाद मौत की अफवाह से हड़कंप, पुलिस-लोगों के बीच जमकर चले पत्थर, लाठियां
punjabkesari.in Saturday, Feb 13, 2021 - 01:02 PM (IST)
लुधियाना: अमन नगर में 7 साल की बच्ची से रेप के मामले में शुक्रवार को स्कूल में बयान लेने गई पुलिस पर उग्र भीड़ ने पत्थरबाजी कर दी। जवाब में पुलिस ने भी बल प्रयोग करते हुए उनको खदेड़ने के लिए लाठियां भांजी। पत्थरबाजी में ए.एस.आई. समेत कई लोग घायल हो गए। घटना शुक्रवार सुबह 11 बजे की है, जब पुलिस बच्ची के स्कूल के स्टाफ का बयान दर्ज करने के लिए गई।
इसका पता चलते ही धीरे-धीरे स्कूल के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। उनका आरोप था कि पुलिस राजनीतिक प्रभाव के चलते स्कूल प्रबंधकों को बचा रही और पीड़ित परिवार से धक्का कर रही है। इसी बीच शरारती लोगों ने बच्ची नहीं रही की अफवाह उड़ा दी। इस पर भीड़ उग्र हो गई। हालांकि इस मामले में गठित की गई कमेटी के सदस्यों व पुलिस ने उनको समझाने की कोशिश की कि बच्ची सकुशल है और उन्होंने अस्पताल से बच्ची की बिस्कुट खाते हुए की फोटो भी मंगवाकर दिखाई, लेकिन वह नहीं माने और उन्होंने पुलिस पर पत्थराव शुरू कर दिया। इलाके में अराजकता का माहौल बन गया। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने अतिरिक्त फोर्स मंगवाई और बल प्रयोग करके भीड़ को खदेड़ दिया। स्कूल स्टाफ को पीछे के रास्ते से सुरक्षित बाहर निकला गया। जिनके बाद में थाने में बयान दर्ज किए गए। जिनमें 16 टीचर व मैड सहित 19 कर्मचारी थे। स्कूल के बाहर अतिरिक्त फोर्स के अलावा इलाके में भी गश्त बढ़ा दी गई है।
सुनियोजित था पुलिस पर हमला
पुलिस ने दावा किया उन पर हमला सुनियोजित था। भीड़ में शामिल शरारती तत्वों ने पहले से ही ईंट-पत्थर जमा किए हुए थे। इसमें कुछ महिलाएं भी शामिल रही। पुलिस को गली में घेर कर दोनों तरफ से पत्थराव किया गया। जिसमें ए.एस.आई. शमिंदर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। भीड़ से उसे बड़ी मुश्किल से बचाया गया। 2 अन्य पुलिस मुलाजिमों को भी चोटे आई और कई लोग भी घायल हो गए। पुलिस का कहना है कि कानून के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और पुलिस पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
वृद्ध महिला को पुलिस ने बचाया
पत्थरबाजी के दौरान एक वृद्ध महिला उसकी चपेट में आ गई। उसे बचाने के लिए पुलिस वालों ने अपनी जान की परवाह नहीं की और लकड़ी के बैड को ढाल बनाकर उसे चोट लगने से बचाया और वहां से सुरक्षित बाहर निकला।
सेफ शिल्ड ने बचाया
शमिंदर ने बताया कि भीड़ हाथों में बड़े-बड़े पत्थर लिए पुलिस की तरफ भागती हुई आ रही थी। इससे पहले की वह खुद को संभाल पाता। पत्थराव शुरू हो गया। वह नीचे गिर गया। भीड़ ने उसे घेर लिया और नजदीक से उसे पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। उसने खुद को सेफ शिल्ड के पीछे छुपा लिया, जिस तरह से भीड़ उस पर पत्थर बरसा रही थी उसका इरादा कुछ और ही था।
पुलिस ने मेरे साथ धोखा किया
पीड़िता की मां उधर सिविल अस्पताल में पीड़िता की मां ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उसकी बेटी बिलकुल ठीक-ठाक है और उसका ध्यान रखा जा रहा है, लेकिन बेटे के मामले में पुलिस ने उसके साथ धोखा किया है। एक महिला अधिकारी ने उसे विश्वास दिलाया था कि अगर उसका बेटा पुलिस की बात मान लें तो वह दोनों को घर जाने देंगे, लेकिन उसके साथ धोखा किया गया। इतना ही नहीं उनके साथ थाने में मारपीट भी की गई। बेटा लौटाए जाने पर अड़ी पीड़िता की मां इसी बात पर अड़ी रही कि बेटी उसके सुपुर्द करने से पहले उसे उसका बेटा लौटाया जाए। वह बेटा के बगैर बेटी को नहीं ले जाएगी। उसने सरकार से इंसाफ की मांग की है। इस दौरान पुलिस व कमेटी के सदस्यों ने उसकी मिन्नतें करते रहे, लेकिन वह नहीं मानी और अस्पताल से कुछ लोगों के साथ चली गई।