अब ‘लाल’ और ‘चिट्टी परी’ पर टिकी उम्मीदवारों की उम्मीद

punjabkesari.in Saturday, May 18, 2019 - 08:15 AM (IST)

गुरदासपुर(हरमनप्रीत): लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण में खुला चुनाव प्रचार बंद होने के बाद अब जहां उम्मीदवारों ने वोटरों के घर-घर पहुंच बनानी शुरू कर दी है। उसके साथ ही लाल और चिट्टी परी के का फायदा उठाने के लिए कई उम्मीदवारों के समर्थकों की ओर से कोशिशें की जा रही हैं। इसके तहत भले ही चुनाव कमीशन की सख्ती के चलते शराब की बड़ी खेप को गांवों और शहरों में पहुंचाना उम्मीदवारों और उनके समर्थकों के लिए सिरदर्दी बना हुआ है। 

इसके चलते इस बार कोई उम्मीदवार सरेआम और आसानी से शराब इक_ी नहीं कर सका। मगर इसके बावजूद निचले स्तर पर सियासी नेताओं द्वारा लोगों को भ्रम करने के लिए हर हथकंडा अपनाया जा रहा है। अधिकतर स्थानों पर स्थिति यह बनी हुई है कि कुछ लोगों ने ठेकों के कारिंदों से कोड वर्ड रख लिए हैं, जिसके आधार पर गांवों में लोग किसी व्यक्ति को कोड बताकर संबंधित ठेके पर भेज देते है, जहां आसानी से शराब प्राप्त की जा सकती है। इसके साथ ही कुछ खास नंबरों वाले 10-10 रुपए के नोट भी कोड और कूपन के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जिन्हें संबंधित सियासी लोग आगे लोगों को देकर ठेकों से शराब लेने भेज रहे हैं।

ऐसे रुझान को रोकने के लिए चुनाव आयोग की ओर से 17 मई की शाम को शराब के ठेके बंद करवाने के बावजूद कई गांवों में उम्मीदवारों ने अपने कोटे और जरूरत के मुताबिक पहले ही शराब का प्रबंध करके रखा हुआ है। जिनकी ओर से वोटरों तक यह शराब पहुंचाने की हर कोशिश की जा रही है। जिन इलाकों में चुनाव कमीशन की सख्ती से अंग्रेजी शराब नहीं पहुंच सकी, उन्हीं इलाकों में देसी शराब का काम चोरी छिपे चलाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे इलाकों में सरकार से बाहर वाली पाॢटयों के लिए तो देसी शराब निकालना भी असंभव है, मगर सत्ताधारी नेता छिपकर चिट्टी परी के जलवे का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।


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