लुधियाना वासियों को मिल रही "काले पानी की सजा", पढ़ें हैरान कर देने वाला मामला

punjabkesari.in Friday, Dec 08, 2023 - 09:21 AM (IST)

लुधियाना(भाखड़ी): बचपन में किताबों में पढ़ा करते थे कि देश में स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेज पकड़ कर काले पानी की सजा दे देते थे।  उस वक्त दिमाग में यह बात आती थी कि क्या वहां पीने वाले पानी का रंग काला होता होगा। बिल्कुल सही, अंग्रेज पकड़  कर उन लोगों को धरती के दूसरे किनारे समुद्र के पास छोड़ आते थे, जहां समुद्र  का पानी काला होने के कारण वे उसे  मजबूरी में पीते थे, जिसे पीने के बाद  वे गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होकर कमजोर होकर दम तोड़ देते थे।  अब वही सजा लुधियाना वासियों और आसपास के गांव वालों को मिलनी शुरू हो चुकी है।

इस दूषित काले पानी को पीकर जनता कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो रही है। इसका खुलासा लुधियाना से 15 किलोमीटर दूर मांगट गांव में हुआ है  जहां खेतों में लगी मोटरों द्वारा जमीन  से निकाले जा रहे पानी का रंग काला  है जिससे न तो किसानों के खाने लायक सब्जियां बची हैं और न ही जानवरों का  चारा उग रहा है। यह पानी न तो इंसानों के पीने लायक बचा है और न ही गाय, भैंसों और अन्य जानवरों के।  लुधियाना से गुजरने वाले बुड्ढा दरिया के पानी का रंग पहले ही काला हो चुका है, इसके दूषित होने का बड़ा कारण लुधियाना में लगी डाइंग इंडस्ट्री और दूसरा फैक्टरियों में इस्तेमाल होने वाला तेजाब है जिसे इस्तेमाल करने के बाद फैक्टरी मालिक रुपए बचाने के चक्कर में अपनी फैक्टरियों में छोटे बोर करवा कर उसे धरती के नीचे फैंक रहे हैं जिससे धरती के नीचे का पानी अब पूरी तरह से दूषित हो चुका है। जिसका असर अब लुधियाना के साथ लगते गांवों में भी देखने को मिल रहा है।

किसानों की जमीनें हो रही हैं बंजर
पंजाब केसरी की टीम ने गांव मांगट में जाकर देखा तो वहां के हालात इस कद्र नाजुक हो चुके हैं कि गांव में पानी के कुओं में भी काला पानी निकल रहा है। जो न तो पीने लायक बचा है और न ही खेतों में लगाने लायक। वहां पहुंचे पत्रकार को गांव के किसानों ने अपने खेतों में चल रही मोटरें दिखाते हुए बताया कि यह पानी पीने लायक तो छोड़ों, फसलों को लगाने लायक भी नहीं है। उन्होंने खेतों में लगी सब्जियां निकाल कर दिखाईं, जो पूरी तरह से तैयार होने से पहले ही गल-सड़ चुकी थीं। यही हालात खेतों में लगे भैंसों के चारे का था। उन्होंने बताया कि उन्होंने चारा तो खेतों में लगा दिया, जो धरती के नीचे कैमिकल पानी के चलते बाहर ही नहीं निकल पाया। लोग अब पशुओं का चारा भी दूसरे शहरों से खरीदने को मजबूर हैं। लेकिन बड़ा सवाल है कि पशुओं के लिए पीने लायक पानी कहां से लाएं। उन्होंने बताया कि उनके गांव में एक डाइंग फैक्टरी लगी है जिससे निकलने वाली राख से गांव का छप्पड़ दलदल का रूप धारण कर चुका है। उससे भी बड़े दुख की बात यह है कि गांव में स्कूल के छोटे बच्चे वही जहरीला पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं।

जब लुधियाना के लोगों  ने देखा था चमत्कार 
प्रदेश की सत्ता पर लंबा समय से राज करने वाली अकाली-भाजपा और कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने धरती के नीचे पीने वाले पानी को बचाने के लिए और बुड्ढे दरिया के पानी को साफ करने के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं तैयार कर चलाईं, पर एक भी योजना कामयाब नहीं हुई। जनता के करोड़ों रुपए में कुछ हिस्सा मंत्रियों और अधिकारियों की जेबों में चला गया। बुड्ढे दरिया का पानी वैसे का वैसे बदबूदार काले रंग का रहा, क्योंकि इस दरिया में पूरी फैक्टरियों का कैमिकल युक्त पानी गिरता है।  इसी वर्ष जब बाढ़ आई तो वह अपने साथ बुड्ढे दरिया के काले रंग के पानी को बहा कर ले गई। सुबह जब लोग वहां से गुजरे तो बुड्ढे पानी के साफ पानी को देख कर हैरान रह गए। दुख की बात यह है कि कुछ ही सप्ताह में वहां फिर से फैक्टरियों का कैमिकल युक्त पानी गिरने लग पड़ा, जिससे उसकी हालत पहले जैसी हो गई।

पब्लिक एक्शन कमेटी  करेगी संघर्ष 
धरती के नीचे दूषित हो रहे पानी को बचाने के लिए पब्लिक एक्शन कमेटी की टीम गांव मांगट पहुंची।  उन्होंने पत्रकारों को वहां बुला कर बताया कि लुधियाना में लगी डाइंग  और कैमिकल फैक्टरियों के कारण लुधियाना शहर ही नहीं, बल्कि उससे 15 किलोमटर दूर तक बसे गांव में  भी अब पानी पीने लायक नहीं बचा। सरकार पंजाब को रंगला पंजाब बनाने की बात कर रही थी।  उन्होंने ऐसे रंगले पंजाब की कल्पना बिल्कुल नहीं की थी। उन्होंने कहा कि गांव के लोग इस दूषित पानी को पीकर गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में एक दौर आतंकवाद का आया था, पर अब जो इन फैक्टरी मालिकों द्वारा पानी और  वायु को दूषित करने का दौर चलाया गया है उससे तो हमारी आने वाली नस्लें ही तबाह हो रही हैं। इसके विरुद्ध उनकी कमेटी संघर्ष छोड़ेगी। यह सब प्रदूषण विभाग के अधिकारियों की मिलीभुगत से चल रहा है।


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Vatika

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