इस बार ''AAP'' की राह नहीं आसान, मुख्य टक्कर कांग्रेस व शिअद के बीच

punjabkesari.in Monday, Apr 08, 2019 - 07:29 PM (IST)

फरीदकोट: पंजाब के मालवा क्षेत्र की फरीदकोट लोकसभा सीट पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के चार बार विधायक एवं मंत्री रहे गुलजार सिंह रणिके तथा कांग्रेेस के पूर्व विधायक एवं लोक गायक मोहम्मद सादिक और आम आदमी पार्टी के निर्वतमान सांसद प्रो. साधु सिंह और खैहरा गुट के विधायक बलदेव सिंह के चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला बेशक चतुष्कोणीय हो गया हो लेकिन मुख्य टक्कर कांग्रेस तथा शिअद के बीच है। रणिक को इस सीट पर उतारे जाने से शिअद के स्थानीय नेताओं तथा कार्यकत्र्ताओं में विरोध हो रहा है। 

फरीदकोट जिले के शिअद के नेताओं को टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन कोर कमेटी ने उनके दावे खारिज कर माझा से बुलाकर रणिके को टिकट दे दिया। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद सादिक को पार्टी के सभी नेताओं तथा कार्यकत्र्ताओं का समर्थन मिल रहा है। सादिक को मोगा, बाघापुराना, भदौड, फरीदकोट, निहालसिंह वाला, धरमकोट, जैतो, गिदड़बाहा, मुक्तसर, बठिंडा जिले में पड़ते रामपुराफूल विधानसभा क्षेत्रों के कांग्रेेस नेताओं का साथ मिल रहा है। इसके अलावा इंटक नेता विजय धीर भी उनका समर्थन कर रहे हैं। पिछले चुनाव में आप पार्टी के प्रो. साधु सिंह ने शिअद की उम्मीदवार परमजीत कौर गुलशन को एक लाख 72 मतों के अंतर से हराया था । इस बार आप से अलग हुए सुखपाल खैहरा गुट ने विधायक बलदेव सिंह को उतारा है।

खैहरा ने पांच सियासी दलों के समर्थन से पंजाब डेमोक्रेटिक एलाइंस बनाया है जिनके बैनर तले पांच पार्टियों के उम्मीदवार 13 लोकसभा सीटों पर लड़ रहे हैं। इस बार राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदला हुआ है। पिछली बार जब पूरे देश में मोदी लहर थी तो पंजाब की जनता ने उसे खारिज करते हुए तीन माह पहले पंजाब के राजनीतिक परि²श्य पर उभरी आप पार्टी के सिद्धांतों से प्रभावित होकर पंजाब में उसे 13 में से 4 सीटें दे दीं जबकि देश के किसी कोने में आप एक सीट हासिल नहीं कर सकी थी। इस बार आप पार्टी के बिखरने के कारण राज्य में आप की स्थिति कमजोर पड़ गई है। आप की टिकट पर जीते बलदेव सिंह पार्टी से अलग होकर प्रो. साधु सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। 

अकाली-भाजपा सरकार के दौरान 2015 में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी तथा कोटकपूरा तथा बहबलकलां फायरिंग केस में दो सिख युवकों के मारे जाने के बाद इस क्षेत्र में लोग बादलों से खफा हैं तथा बेअदबी तथा फायरिंग मामलों की जांच एसआईटी से करा रही कांग्रेस सरकार के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। एसआईटी की जांच में बादलों के घेरे में आने की आशंका से लोगों में बादलों के खिलाफ रोष है। फिलहाल समय अभी बंधा नहीं है। सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों के नाम तय करने में व्यस्त हैं। मतदान में अभी काफी समय है। इस सीट पर मतदान 19 मई को होना है।
 


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Vaneet

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