माता कौशल्या अस्पताल में आप्रेशन के बाद मौत के साथ लड़ रहा है मरीज

punjabkesari.in Thursday, Jun 08, 2017 - 10:45 AM (IST)

पटियाला (जोसन): पंजाब के मुख्यमंत्री और सेहत मंत्री के अपने शहर में स्थित महिला रोगों के लिए प्रसिद्ध सरकारी माता कौशल्या अस्पताल भी अब किसी न किसी मामले को लेकर चर्चा में आना शुरू हो गया है। एक महिला का करीब 10 दिन पहले इस अस्पताल में आप्रेशन से बच्चा पैदा हुआ था। पैदा होने वाला बच्चा तो चाहे बिल्कुल ठीक-ठाक है, परंतु बच्चे की मां इस समय पी.जी.आई. चंडीगढ़ में जिंदगी और मौत के साथ लड़ रही है। 

पारिवारिक सदस्यों के मुताबिक उसका हर रोज या एक दिन छोड़कर डायलासिस कराना पड़ रहा है। यह परिवार एक गरीब घराने से संबंध रखता है और रोजाना दिहाड़ी करके अपना गुजारा करता है। महिला के पति के मुताबिक उसकी पत्नी की जिंदगी डाक्टरों ने तबाह कर दी है। इसलिए अब वह उसका इलाज कराने से भी वित्तीय पक्ष से असमर्थ होता जा रहा है।महिला के पति रमेश कुमार के मुताबिक उसने अपनी पत्नी को माता कौशल्या अस्पताल पटियाला में 25 मई 2017 को दाखिल करवाया था और अगले दिन 26 मई को प्रात: लगभग 10 बजे उसकी कोख से बच्चा सही सलामत आप्रेशन से पैदा हुआ था। उसने बताया कि उसकी पत्नी आप्रेशन से पहले बिल्कुल ठीक थी। उसका सबूत उनके पास अब तक के करवाए सभी टैस्ट की रिपोर्टें मौजूद हैं। रमेश कुमार के मुताबिक आप्रेशन के बाद उसकी पत्नी उसी दिन से किसी न किसी दर्द से परेशान रहने लगी और अस्पताल दाखिल होने के बावजूद भी माता कौशल्या अस्पताल से संबंधित डाक्टरों ने कोई भी सही इलाज न कर केवल टीके लगाना या दवाएं देकर दर्द हटाना ही ठीक समझा।

उसने बताया कि उसकी पत्नी जब 2 दिन बाद रात के लगभग 1 बजे तड़प रही थी तो वहां मौजूद डाक्टरों ने कुछ समय के बाद उसे राजिन्द्रा अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। वहां भी इस बिगड़ी हालत का इलाज संभव न हो सका तो उसे अमर अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जहां इलाज का खर्च सहन न करते हुए उसने पत्नी को पी.जी.आई. चंडीगढ़ में ले जाना ठीक समझा।रमेश कुमार ने बताया कि उस दिन से लेकर आज तक मेरी पत्नी के पी.जी.आई. में अनगिनत डायलासिस हो चुके हैं, जो एक भयानक बीमारी को न्यौता देते हैं। यह सारा कुछ माता कौशल्या अस्पताल के संबंधित डाक्टरों की लापरवाही से हुआ है। वह एक गरीब व्यक्ति है उसके पास पत्नी के इलाज के लिए और पैसा नहीं है। उसने मांग की है कि इस मामले की जांच करके उसे इंसाफ दिलाया जाए और संबंधित डाक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।


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