Oxygen का गहराया संकट, पंजाब के हालात और बिगड़ने की संभावना

punjabkesari.in Monday, Apr 19, 2021 - 12:34 PM (IST)

जालंधर (सुनील): कोरोना की दूसरी लहर में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस समय लगभग हर वह अस्पताल मरीजों से भरा हुआ है जहां कोरोना का इलाज हो रहा है परंतु एकाएक आई मैडीकल ऑक्सीजन की कमी ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर सरकार व प्रशासन समय रहते इस ओर ध्यान देते तो आज मैडीकल ऑक्सीजन का संकट न गहराता। उल्लेखनीय है कि कोरोना की पहली लहर गत वर्ष मार्च माह में शुरू हुई थी और तभी से ही मरीजों का आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता गया। हालांकि कुछ माह इसकी रफ्तार कम हुई थी परंतु अब कोरोना की दूसरी लहर ने हालात पहले से भी बदतर कर दिए हैं। कोरोना मरीजों के लिए दवाइयों के अतिरिक्त पहली जरूरत मैडीकल ऑक्सीजन की होती है, जिसका उचित प्रबंध करने के लिए प्रशासन ने पिछले वर्ष मार्च माह के बाद से ही इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया। अब हालात ये हो गए कि अस्पतालों में दाखिल कोरोना मरीजों के लिए मैडीकल ऑक्सीजन ही नहीं है और औद्योगिक इकाइयों के मालिकों को वे ऑक्सीजन के लिए लगातार फोन कर रहे हैं ताकि उनके अस्पतालों में कोई अनहोनी न हो जाए। जिस तरह से मैडीकल ऑक्सीजन का संकट गहरा रहा है, उससे लगता है कि हालात और बिगड़ सकते हैं।

दो इकाइयों को 8-8 टन मिली लिक्विड गैस
आज जिला प्रशासन के प्रयासों से जालंधर के गांव कबूलपुर में स्थित मैडीकल ऑक्सीजन सिलैंडर तैयार करने वाली औद्योगिक इकाई शक्ति कार्या जैनिक्स को 8 टन लिक्विड गैस मिली और इससे इकाई द्वारा 700-800 के करीब सिलैंडर तैयार किए जाने हैं। परन्तु इनमें से तैयार किए गए करीब 500 सिलैंडर की खपत आज ही हो गई। उक्त इकाई के पास लिक्विड गैस से करीब 300 सिलैंडर और तैयार होंगे। इसी प्रकार जंडूसिंघा की इकाई को भी 8 टन लिक्विड गैस मिली है।

हर रोज भरे जा रहे 1200 ऑक्सीजन सिलैंडर
शक्ति 
कार्या जैनिक्स के पार्टनर विकास हुरिया व राजन गुप्ता ने बताया कि उनकी तरफ से लगाए गए प्लांट में वह लिक्विड गैस से ऑक्सीजन सिलैंडर तैयार करने के अलावा पानी-बिजली व प्राकृतिक वायु से हर रोज 1200 ऑक्सीजन सिलैंडर भरकर महानगर में छाए ऑक्सीजन सिलैंडर की कमी को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

बाहरी जिलों से ऑक्सीजन लाकर चलाया जा रहा काम
सूत्र
 बताते हैं कि महानगर के अस्पताल वालों ने निजी संबंधों व प्रयासों के चलते बठिंडा व अन्य जिलों से ऑक्सीजन सिलैंडर मंगवाकर काम चलाया जा रहा है। आज करीब 800 ऑक्सीजन सिलैंडर अन्य जिलों से महानगर में मंगवाए गए हैं।

लिक्विड गैस तैयार करने वाली नाॅर्थ इंडिया में 3 ही औद्योगिक इकाइयां
ऑक्सीजन
 बनाने के लिए लिक्वड गैस तैयार करने वाली नाॅर्थ इंडिया में 3 ही औद्योगिक इकाइयां हैं। इनमें एक इनोक्स हिमाचल के बद्दी में, दूसरी बी.ओ.सी. उत्तराखंड के देहरादून में व तीसरी एयर लिक्वड है जो उत्तराखंड के रुड़की में है। उक्त हर इकाई में हर रोज 250 से 300 टन लिक्वड गैस तैयार की जाती है परंतु इन दिनों इन औद्योगिक इकाइयों में तैयार की जा रही लिक्वड गैस भी कम पड़ रही है।

जालंघर में 2 व जंडुसिंघा में 1 इकाई
महानगर
 में मैडीकल ऑक्सीजन तैयार करने वाली 3 ही इकाइयां हैं, उनमें शक्ति कार्या जैनिक्स, जगदम्बे एयर गैसिस व एक फर्म जंडूसिंघा में है। इन तीनों इकाइयों में तैयार ऑक्सीजन क्षेत्र में पूरी नहीं हो पा रही है।

पठानकोट व जालंधर में बन रहे नए प्लांट
मैडीकल 
ऑक्सीजन का कारोबार करने वाले राजन गुप्ता व विकास हुरिया ने बताया कि पंजाब में ऑक्सीजन के 2 नए प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनमें से एक पठानकोट व दूसरा जालंधर में। पठानकोट में लगाया जा रहा ऑक्सीजन प्लांट एक सप्ताह में तैयार हो जाएगा। इसके तैयार होने पर हर रोज करीब 650-700 ऑक्सीजन सिलैंडर भरे जाएंगे। इसी प्रकार जांलधर में नया प्लांट तैयार होने पर इसमें प्रतिदिन करीब 750-800 ऑक्सीजन सिलैंडर की क्षमता है। इन प्लांटों के चालू होने के बाद ऑक्सीजन की किल्लत कुछ कम होने की संभावना है।

 


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Vatika

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